उत्तर प्रदेश के इस जिले में मिडडे मील बना जादूई आहार, 1 किलो चावल में 32 बच्चों को कराया जाता है भोजन !
उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले में मिडडे मिल पौष्टिक आहार के नाम पर जादू बन गया है। बच्चों को नमक – रोटी खिलाये जाने के मामले में सुर्खियां बटोरने के एक और नया कारनामा किया गया। एक किलो चावल व 400 ग्राम दूध में 32 बच्चों को भोजन कराने का मामला मझवां क्षेत्र के बरैनी विद्यालय के औचक निरीक्षण में सामने आया है। जिलाधिकारी ने जांच के साथ ही कार्रवाई करने को कहा हैं।
मीरजापुर के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चो को मिलने वाले मिडडे मिल भोजन में शासन द्वारा तमाम सख्ती के बाद भी सुधार नही आ रहा है। मामला मझवां ब्लाक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय बरैनी का है। जहाँ पर 26 फरवरी को मिडडे मील भोजन की जाँच करने मंडलीय समन्वयक राकेश तिवारी के नेतृत्व में पहुँची टीम खुद उस समय हैरान रह गयीं। जब स्कूल में बच्चों के लिए बन रहे भोजन की जानकारी रसोइये से ली गई। तो पता चला कि वहाँ पर एक किलो चावल में 32 बच्चों को खाना खिलाया जाना है। वहीं 32 बच्चों को दूध बांटने के लिए महज 400 मिलीलीटर का एक पैकेट दूध लाया गया था। निरीक्षण के दौरान लापरवाही सामने आने पर समन्वयक ने अधिकारियों की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा।
मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। डीएम ने पूरी घटना पर जांच के आदेश दिए है। डीएम का कहना है कि इसमें कोई दोषी होता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी । जांच के आदेश के साथ इस पूरे प्रकरण में खुलासा करने वाले मंडलीय समन्वयक से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
स्कूल में मिडडे मिल में गड़बड़ी को लेकर ग्रामीण भी आक्रोशित है । विद्यालय में पढने वाले बच्चे का पिता ही अध्यक्ष होता है। उनका कहना है कि बच्चों के मिडडे मिल भोजन में लंबे समय से इस तरह लापरवाही हो रही है । शिकायत करने के बाद भी अधिकारी इस पर कार्रवाई नही कर रहे है। प्रधानाध्यापक शिकायत करने पर एससी एसटी में जेल भिजवाने की धमकी के साथ ही खुद को नंगा तार कहते हैं।