सीएम सिटी में कोरोना से जंग के बीच कचरा उठाने वाली गाडि़यों से खाद्यान्न की ढुलाई
गोरखपुर: ये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शहर है. जहां अभी तक एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं मिले हैं. शहर की आम जनता, पुलिस और जिला प्रशासन का इस में बड़ा योगदान है. लेकिन, उनके कर्मचारी कोरोना मुक्त शहर की उम्मीदों पर पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं. नगर निगम की कचरा गाड़ी से जरूरतमंदों को खाद्यान्न की आपूर्ति की जा रही है. ऐसे में ये लापरवाही वैश्विक महामारी कोरोना से बचने की बजाय एक नई महामारी को जन्म दे सकती हैं.
ये नजारा गोरखपुर के कलेक्ट्रेट परिसर का है. जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के ठीक सामने ट्रक से खाद्यान्न उतर रहा है. यह खाद्यान्न अलग-अलग कस्बों में जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है. पुलिस और जिला प्रशासन भी हर जरूरतमंद तक खाद्यान्न और भोजन पहुंचाने के लिए तत्पर है. कोशिश यही है कि कोई भी भूखा न रहने पाए. इस बीच को रोना संक्रमण को देखते हुए लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है. फिर शहर को कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त करने की उम्मीदों पर पलीता कैसे लग रहा है.
नगर निगम की कचरा उठाने वाली गाड़ियों से खाद्यान्न का वितरण कराया जा रहा है. कर्मचारी, अधिकारियों और आम जनता की उम्मीदों पर किस तरह से पानी फेर रहे हैं. कचरा उठाने वाली छोटी टाटा डीआई जिसे बोलचाल की भाषा में छोटा हाथी भी कहते हैं, उन कचरा गाडि़यों से खाद्यान्न की ढुलाई हो रही है. इन गाडि़यों पर लिखा ‘स्वच्छ गोरखपुर-सुंदर गोरखपुर’ और ‘एक कदम स्वच्छता की ओर’ का संदेश हमें साफ-सफाई से रहने के लिए प्रेरित कर रहा है. इन कचरा ढोने वाली गाड़ियों से खाद्यान्न का वितरण कहीं कोरोना वायरस के संक्रमण और उसके जैसी अन्य महामारियों का स्वागत तो नहीं कर रहा है.
यह हैरान कर देने वाला दृश्य देखकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. क्योंकि आप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में हैं. यहां पर जिलाधिकारी कार्यालय के ठीक सामने कचरा गाड़ियों से पहुंचाया जा रहा खाद्यान्न किस तरह लोगों की सेहत के साथ जानलेवा साबित हो सकता है, इसका अंदाजा भी आसानी से लगाया जा सकता है. आप खुद देख सकते हैं कि कर्मचारियों की थोड़ी सी लापरवाही कर किस तरह से लोगों की जान जोखिम में डाल सकती है. क्योंकि इन खाद्यान्न के साथ लोगों के घरों में कोरोना वायरस के साथ अन्य महामारियों के भी पहुंचने का खतरा है. ऐसे में सवाल ये है कि अधिकारियों की आंख के सामने जब इन कचरा ढोने वाली गंदी गाड़ियों का इस्तेमाल खाद्यान्न पहुंचाने में कैसे किया जा रहा है. क्या अधिकारियों को इस बात का पता नहीं है.
अब आप खुद ही सुन लीजिए. गोरखपुर के नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह क्या कहते हैं. उनका कहना है कि शहर को स्वच्छ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए नगर निगम पूरी तरह से मुस्तैद है. नगर निगम ने इस बात का बीड़ा उठा रखा है कि इस शहर में कोई भी भूखा न रहे. उनका कहना है कि इसके लिए जिला प्रशासन ने कम्यूनिटी किचन की स्थापना निपाल लॉज में की है. वे बताते हैं कि जो घटना आप प्रकाश में ला रहे हैं कम्यूनिटी किचन चलाने और खाद्यान्न वितरण के लिए किसी भी दशा में कचरा उठाने वाली गाड़ी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इसकी जांच करा ली जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की बात जांच में सही पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.