चेन्नई में 6 साल बाद इतनी बरसात:शनिवार से जारी बारिश से बाढ़ के हालात,
CM स्टालिन पानी में डूबी सड़कों पर चलते नजर आए
चेन्नई में शनिवार सुबह से हो रही बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। 2015 के बाद शहर में पहली बार इतनी अधिक बारिश हुई है। कई इलाकों में सड़कों और घरों के अंदर पानी भर गया है। प्रशासन ने रविवार को बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं। वे पानी में डूबी सड़कों पर ही चलकर लोगों के पास पहुंचे।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर हैं।
10 घंटे में 14 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई
शनिवार रात से रविवार दोपहर 1 बजे तक चेन्नई में 14 सेमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। अन्ना नगर में लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है, वहीं अधिकारी चेंबाराबक्कम झील का पानी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। स्टेट वॉटर रिसोर्स अथॉरिटीज ने कांचीपुरम और तिरुवल्लुर के जिला अधिकारियों को सुझाव दिया है कि वे निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं। चेन्नई के वेलाचेरी फ्लाईओवर पर लोगों ने अपनी गाड़ियां पार्क कर रखी हैं।
राज्य में औसत से 41% ज्यादा बारिश
तमिलनाडु में उत्तर-पूर्व मानसून पिछले कुछ दिनों से एक्टिव है, जिससे राज्य में भारी बारिश हो रही है। सरकार ने बताया कि राज्य में औसत से 41% ज्यादा वर्षा हुई है। 9 नवंबर को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का भी पूर्वानुमान लगाया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवाती सिस्टम बनने के कारण चेन्नई में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है। नॉर्थ-ईस्ट मानसून के चलते 9 से 11 नवंबर के दौरान आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय इलाकों में भारी बारिश की आशंका है।
इन इलाकों में बाढ़ के हालात
भारी बारिश से एग्मोर, डाउटन, केएन गार्डन, पदलम, ओटेरी लेफ्ट ब्रिज, पड़ी ब्रिज, सत्य नगर शेल्टर, बाबा नगर, जीकेएम कॉलोनी और जवाहर नगर इलाके में बाढ़ के हालात बन गए हैं। इन इलाकों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है।
बचाव दल की 4 टीमें शहर में तैनात
NDRF की चार टीमों को शहर में तैनात किया गया है ताकि वे इमरजेंसी में रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे सकें। चेंगलपेट और तिरुवल्लुर में एक-एक और दो टीमों को मदुरै में तैनात किया गया है। चेन्नई के मयलापोर में 226 मिमी, अंबाट्टुर में 2205 मिमी, नंगमबक्कम में 207 मिमी बारिश हुई है। पूंदी झील से 4000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
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