बिहार और असम में बाढ़ का कहर, NDRF की 98 टीम हुई तैनात कई गांव हुए जलमग्न
बिहार इस समय दोहरे संकट से जूझ रहा है। एक तो कोरोनावायरस संकट और दूसरा बाढ़। बिहार ही नहीं बल्कि असम में भी बाढ़ आ रखी है। यह बाढ़ दोनों ही प्रदेशों में कहर बरपा रही है। बिहार और असम में बारिश और बाढ़ ने तबाही मचा रखी है। यहां की नदियां उफान पर हैं जिससे सैकड़ों गांव व शहर जलमग्न हो चुके हैं। लोगों को पार के लिए एनडीआरएफ की टीम भी तैनात कर दी गई है।
बाढ़ ग्रस्त इलाकों में फंसे हुए लोगों को राहत शिविर में पहुंचाने का काम एनडीआरएफ द्वारा किया जा रहा है। जिससे लोगों की जान बच सके। लाखों लोगों को बाढ़ के कारण अपना घर भी छोड़ना पड़ा है। यह सभी लोग राहत शिविर में जाकर रह रहे हैं। हालांकि बिहार प्रशासन का कहना है कि इस समय हालात नियंत्रण में है।
एनडीआरएफ ने बिहार राशन में राहत बचाव कार्य के लिए 98 टीमें लगाई है। एनडीआरएफ के मुताबिक दोनों राज्य में बाढ़ से हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। हालांकि बिहार प्रशासन का कुछ और ही मानना है। उनके हिसाब से हालात नियंत्रण में है। नेपाल और चीन से आने वाली नदियां भारत में इस समय तबाही मचा रही है।
बिहार के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हो रही है और नेपाल से आ रही नदियों में उफान की वजह से तबाही हो रही है। नेपाल के तराई वाले इलाकों में भारी बारिश से फारबिसगंज, जोकीहाट, सिकटी और प्लासी के भी निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है। मधेपुरा में कोसी नदी का पानी आसपास के इलाकों में भी घुस गया है। जिसके बाद से ही ग्रामीण खुद को बचाने में लगे हुए हैं।
बिना एनएच 31 पर अपना रौद्र रूप दिखाना भी शुरू कर दिया है। नदी के तेज बहाव की वजह से हाइवे के किनारे खड़ा हो रहा है और लोग बहुत डरे हुए भी हैं। बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी के किनारे तीन दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में है। अब आने जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। गोपालगंज में स्तर घाटल पुल का एक हिस्सा भी ढह गया है। 2012 से यह पुल बनना शुरू हुआ था और 264 करोड की लागत में यह पुल बनकर तैयार हुआ था और पिछले ही कुछ दिनों पहले इसका उद्घाटन भी किया गया था हालांकि यह अब ढहने लगा है।