क्या तिरंगे से जुड़े नियम माने जा रहे है?
तिरंगे से जुड़ा पहला नियम है की वे हमेशा हाथ से काटा और बुना जाएगा। जो की पूरे तरीके से माना भी जा रहा है।
- क्या तिरंगे से जुड़े नियम माने जा रहे है?
तिरंगे से जुड़ा पहला नियम है की वे हमेशा हाथ से काटा और बुना जाएगा। जो की पूरे तरीके से माना भी जा रहा है। दूसरा की वह ऊनी, सूती, सिल्क या खड़ी से बना होना चाहिए। जो की बिलकुल भी नहीं माना जा रहा क्युकी झंडा आजकल प्लास्टिक के भी आते है। झंडे की ऊंचाई और चौड़ाई 3:2 होनी चाहिए लेकिन आजकल तिरंगा हर नाप में आने लग गए है। केसरिया रंग नीचे की तरफ नहीं आता। यह नियम भी माना जा रहा है। तिरंगा सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फिराया जाता है। और यह नियम माना जा रहा है। झंडे को कभी जमीन पर नहीं रखा जा सकता लेकिन यह नियम कही नहीं माना जा रहा 26 जनवरी हो या 15 अगस्त झंडे देश भक्ति दिखाने के काम जरूर आते है लेकिन नियम झंडे के एक नहीं माने जाते। 27 जनवरी को सारे झंडे जमीन पर ही पड़े मिलेंगे। और 16 अगस्त को तिरंगे की पतंगे जमीन पर ही दिखेंगी। झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराया जाएगा सिवाय उन मौकों के जब सरकारी इमारतों पर झंडे को आधा झुकाकर फहराने के आदेश जारी किए गए हों। झंडे को कभी पानी में नहीं डाल सकते जो की नियम माना जा रहा है। झंडे को किसी भी तरीके का फिजिकल डैमेज नही दे सकते लेकिन यह नियम माना नही जा रहा। जैसे की हमने अभी ही बात की कैसे झंडे को लेकर कई नियम है लेकिन माने कुछ कुछ ही जा रहे है। मैं विनती करता हु की किराया इन नियमो को माने और अपने देश के झंडे की इज्जत करे।