जब देश में हुआ था पहला एनकाउंटर, दाऊद इब्राहिम से भी खतरनाक गैंगस्टर की हुई थी मौत
8 पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाला, 5 लाख का इनामी बदमाश और मोस्ट वांटेड गैंगस्टर विकास दुबे का आज (शुक्रवार) एनकाउंटर में अंत हो गया है। विकास दुबे को ढूंढने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की 50 टीमें लगाई गई थी। लेकिन यह 50 टीमें इस खतरनाक अपराधी को ढूंढ ही नहीं पाई थी। विकास दुबे कानपुर से फरीदाबाद तक पहुंच गया था लेकिन पुलिस के हाथों नहीं लग पाया था। पुलिस विकास दुबे का घर तोड़ती रही, उसके गुर्गों को पकड़ती रही लेकिन विकास दुबे हाथ नहीं आया। आखिर में उज्जैन से विकास दुबे की गिरफ्तारी की गई। जिसके बाद विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया गया। वहीं पुलिस के अनुसार जब विकास दुबे की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया तो उसने भागने की कोशिश की पर पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया। बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने भी फायरिंग की थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में पहला एनकाउंटर कब हुआ था और किसका हुआ था? आइए हम आपको बताते हैं कि देश में पहला एनकाउंटर कब कहां और कैसे किया गया था।
अगर आधिकारिक तौर पर देखें या पुलिस रिकॉर्ड की बात करें तो देश में पहला एनकाउंटर महाराष्ट्र के मुंबई शहर में हुआ था। मुंबई में बढ़ते अंडरवर्ल्ड के अपराधों को देखते हुए मुंबई पुलिस ने सन 1980 में डिटेक्शन यूनिट बनाई थी। मुंबई पुलिस की इस यूनिट ने 11 जनवरी 1982 को पहला एनकाउंटर किया था। यह एनकाउंटर बहुत प्रसिद्ध भी रहा और इस पर एक फिल्में भी बनाई गई।
यह एनकाउंटर मुंबई के वडाला कॉलेज में हुआ था। इसमें गैंगस्टर मान्या सुर्वे की मौत हुई थी। यह एनकाउंटर बेहद चर्चा में रहा था क्योंकि पुलिस रिकॉर्ड में यह पहला एनकाउंटर था। इस एनकाउंटर पर फिल्म भी बनी थी जिसका नाम शूटआउट अट वडाला रखा गया था। इस फिल्म में जॉन अब्राहम ने लीड रोल का किरदार निभाया था।
मान्य सुर्वे 1980 के दशक में मुंबई का सबसे बड़ा गैंगस्टर माना जाता था। उसका पूरा नाम मनोहर अर्जुन सुर्वे था। मान्या पूरे मुंबई में अपना राज चलाता था। पूरे मुंबई में उसकी धौंस चलती थी। मान्य सुर्वे दाऊद इब्राहिम और उसके भाई सभी इब्राहिम का बड़ा दुश्मन था।
बता दें कि मान्या इतना खतरनाक था कि उसने दाऊद इब्राहिम के भाई की सरेआम हत्या कर दी थी। लेकिन दाऊद इसका बदला ही नहीं ले पाया था और मान्या ने दाऊद को भी कई बार चुनौती दी थी। बता दें कि मान्या ने मुंबई के कीर्ति कॉलेज से बीए की थी। इसके बाद उसे एक हत्या के मामले में सजा हुई और जेल से छूटने के दो साल बाद ही मान्या ने अंडरवर्ल्ड तक अपनी पहुंच बना ली थी।
उसने कई दोस्तों को अपनी गैंग में शामिल किया था। इसके बाद उसने एक के बाद एक कई हत्या कर दी थी। जिसके बाद पूरे मुंबई में मान्या का नाम चल गया था। जिसके बाद मुंबई के एसीपी इसाक भागवत ने इस एनकाउंटर को लीड करते हुए मान्या सुर्वे को को 6 गोलियां मारी। मान्या कि मौत की खबर से दाऊद इब्राहिम को बहुत राहत मिली थी। कहा जाता है कि दाऊद इब्राहिम मान्या सुर्वे की मौत से बेहद कुछ हुआ था। यह भी माना जाता है कि मान्या सूर्वे दाऊद इब्राहिम से भी बेहद खतरनाक था। उसकी मौत के बाद दाऊद इब्राहिम को इसका फायदा बहुत मिला और वह बहुत ताकतवर हो गया।