FIR में दर्ज बंगाल हिंसा की कहानियां
FIR में दर्ज है- ‘BJP के लिए काम किया तो जिंदगी नर्क बना देंगे, तुम्हारे हिंदू धर्म को खत्म कर देंगे…’
बंगाल हिंसा की CBI जांच की पड़ताल, हर केस की जांच के लिए एक अलग अधिकारी नियुक्त
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हुई हिंसा की जांच CBI कर रही है। कोलकाता हाईकोर्ट ने 19 अगस्त को CBI को जांच के आदेश दिए थे और 6 हफ्तों में स्टेट्स रिपोर्ट सबमिट करने को कहा है, यानी CBI को 30 सितंबर तक स्टेट्स रिपोर्ट हाईकोर्ट में सबमिट करना है।
CBI ने 25 अगस्त को पहला केस अपने हाथ में लिया। 25 अगस्त से 8 सितंबर तक CBI ने कुल 34 केस दर्ज कर लिए हैं। इन 34 में से 22 मामलों की FIR CBI की वेबसाइट पर अपलोड है।
इन 22 में से सिर्फ 10 मामलों में ही BJP, TMC या राजनीतिक का जिक्र है। बाकी मामलों में हत्या, मारपीट, धमकी जैसी बातें लिखी गई हैं, लेकिन इनमें राजनीति का कोई जिक्र नहीं है।
खास बात ये है कि, CBI ने हर एक मामले की जांच एक अलग अधिकारी को सौंपी है। अब तक एक भी मामले में अधिकारी को रिपीट नहीं किया गया। इंस्पेक्टर लेवल से लेकर SP लेवल तक के अधिकारियों को जांच में लगाया गया है।
हमने CBI की वेबसाइट पर अपलोड सभी FIR का एनालिसिस किया। इनमें जिन 10 मामलों में TMC, BJP या राजनीति का जिक्र मिला, उनके बारे में आपको बता रहे हैं।
ये हैं वो 10 मामले जिनमें BJP, TMC या राजनीतिक हिंसा का जिक्र…
2 मई को नतीजों वाले दिन से ही बंगाल में हिंसक घटनाएं शुरू हो गई थीं। कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया।
1. BJP के लोगों ने मक्के के खेत में ले जाकर मारा
FIR RC0562021S0010
25/08/2021
शिकायतकर्ता सहजुद्दीन मियाह की FIR के मुताबिक, ‘मेरा बेटा और पड़ोसी TMC के एक्टिव सपोर्टर थे। 4 मई को BJP के बदमाश एक आरोपी के घर इकट्ठा हुए। मेरे बेटे शाहीनूर अहमद और प्रसेनजीत साहा को डिनर पर बुलाया। उन पर जानलेवा हमला कर दिया और मक्के के खेत में दोनों की बॉडी को पटक दिया। स्थानीय लोगों ने प्रसेनजीत साहा को कूचबिहार के नर्सिंग होम में शिफ्ट किया। शाहीनूर की बॉडी मक्के के खेत से बरामद हुई।’
2. मुस्लिम इलाके में ले जाकर BJP समर्थकों को मारा
FIR RC0562021S0005
25/08/2021
अयान मंडल की FIR के मुताबिक, ‘हमारे रिश्तेदार संजीत मंडल को हमारे इलाके के पास ही स्थित मुस्लिम इलाके हृदयपुर में ले जाकर पीटा गया, क्योंकि हम BJP समर्थक के तौर पर जाने जाते हैं। संजीत को बचाने गए हमारे रिश्तेदारों को भी पीटा। आसपास के लोग हमें अस्पताल लेकर गए। मेरा बड़ा भाई सीरियस है। ’
नतीजों के बाद हुई हिंसा की जांच के लिए नेशनल ह्युमन राइट्स कमीशन (NHRC) की टीम बंगाल पहुंची थी।
3.TMC के लिए काम करो, वरना जिंदगी नर्क कर देंगे
FIR No RC0562021S0004
25/08/2021
वंदना खेत्रपाल की FIR के मुताबिक, ‘मेरा बेटा कुश खेत्रपाल लंबे समय से BJP वर्कर था। मेरे बेटे को कई बार कनन खेत्रपाल, मोतीलाल खेत्रपाल, एसएल कुमार खेत्रपाल, दिलीप खेत्रपाल ने TMC के लिए काम करने को कहा। कहा कि, BJP के लिए काम किया तो जिंदगी नर्क बना देंगे। मेरे बेटे पर इन लोगों ने हमला किया। उसे मारा और TMC ज्वॉइन करने के लिए कहा। वरना वे उसे जबर्दस्ती शराब पिलाएंगे और तालाब में डुबा देंगे। नतीजों के बाद बेटे को मार दिया गया।’
4. बोले, तुम्हारे हिंदू धर्म को खत्म कर देंगे और भाग गए
FIR No RC0562021S0012
26/08/2021
शिकायतकर्ता टुम्पा मांझी की FIR के मुताबिक, ‘TMC के पांच गुंडों (सभी के नाम FIR में दर्ज हैं) ने पहले से सुनियोजित योजना के तहत लोहे की रॉड, हथियार, बम से मेरे घर पर हमला किया। मेरे बेटे का अपहरण करके ले गए। उसे मारने के मकसद से पीटा और मार डाला और धमकी दी कि, तुम्हारे हिंदू धर्म को खत्म कर देंगे और भाग गए। रात में हमे गांव से जाने से रोका गया। अगले दिन घायल बेटे को बर्दवान के बीआईएमएस अस्पताल लेकर गए, जहां उसी दिन (5 मई) को उसकी मौत हो गई। ’
5. BJP के गुंडों ने मुझ पर हमला किया
FIR No RC0562021S0019
27/08/02021
शिकायतकर्ता अल्पना मैत्र की FIR के मुताबिक, ‘मैं तृणमूल कांग्रेस का समर्थक हूं। 30 अप्रैल को BJP के गुंडों ने मेरे पति पर हमला किया। बुरी तरह से घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। मैंने BJP के गुंडों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने का निर्णय लिया है।’
6. पति नहीं मिला तो उन्होंने पत्नी को मार डाला
FIR No RC0562021S0017
27/08/2021
शिकायतकर्ता ममोनी खेत्रपाल की FIR के मुताबिक, ‘3 मई को मेरे पड़ोसी अनिल खेत्रपाल के घर तृणमूल कांग्रेस के कुछ समर्थक आए और अनिल के नहीं मिलने पर उन्होंने उनकी पत्नी काकोली खेत्रपाल पर हमला किया। जमालपुर अस्प्ताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मैं हमला करने वालों को नाम से नहीं जानती लेकिन चेहरे से पहचान सकती हूं।’
आसनसोल में स्थित BJP दफ्तर में इस तरह तोड़फोड़ की गई थी। BJP ने आरोप लगाया था कि, TMC वर्कर्स ने यह किया है।
7. पॉलिटिकल सपोर्टर था इसलिए मौत हुई
FIR No 0562021S0031
30/08/2021
शिकायतकर्ता फगल मंडी की FIR के मुताबिक, ‘मेरा बड़ा भाई पॉलिटिकल सपोर्टर था। उसे हत्या के मकसद से पीटा गया। सच सामने आना चाहिए।’
8. BJP नहीं छोड़ी तो मार डाला
FIR No. RC0562021S0034
31/08/2021
शिकायतकर्ता दीनानाथ कीर्तनिया की FIR के मुताबिक, ‘मेरा भाई BJP का सक्रिय सदस्य था। हमारा पूरा परिवार BJP के लिए लंबे समय से काम कर रहा है। 9 लोग (सभी के नाम लिखे गए हैं) ने मेरे भाई और परिवार को BJP के लिए काम नहीं करने की धमकी दी और कहा कि, ऐसा करने पर मारे जाओगे। 17 अप्रैल को भाई को फिर धमकाया कि तू अब भी BJP के लिए काम कर रहा है, आज तुझे मार डालेंगे। उसी दिन रात में जब मेरा भाई घर से बाहर निकला तो उस पर हमला हुआ। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हत्या करने वाले हमारे क्षेत्र के कुख्यात बदमाश हैं।’
9. ईंट, डंडे, फावड़े से हमला किया
FIR No RC0562021S0036
01/09/2021
शिकायतकर्ता सुफल अधिकारी ने कुल 16 आरोपियों के नाम लिखवाए। FIR के मुताबिक, ‘अख्तर मोल्ला के घर के सामने मेरे भतीजों पर ईंटों, डंडे, फावड़े से हमला हुआ। खूनी हालत में सभी को काशीनाथपुर अस्पताल ले जाया गया। जहां मेरे एक भतीजे हरन अधिकारी की मौत हो गई। हम BJP पार्टी से जुड़े हुए थे, इसलिए TMC के बदमाशों ने हत्या की।
2 से 5 मई बीच सबसे ज्यादा हिंसक घटनाएं हुईं। बाद में हिंसा रुकी लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं हुई।
10. दूसरी पार्टी के साथ तुम्हारे एसोसिएशन को खत्म कर देंगे
FIR No RC0562021S0035
1/09/2021
शिकायतकर्ता मरूफा बीबी की FIR के मुताबिक, ‘विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद 9 लोग हमारे घर आए और जान से मारने की धमकी दी। खेत में काम करने के दौरान परिवार पर हथियारों से हमला किया गया और मेरे पति को मारना शुरू कर दिया। हमारे सामने ही पति पर बम फेंक दिया। वे बोल रहे थे हम अन्य पार्टी के साथ आपके एसोसिएशन को खत्म कर देंगे। आज एक को मारा है कल तुम्हारे परिवार के सभी लोगों को मार देंगे।’
कन्क्लूजन : CBI की वेबसाइट पर अपलोड 22 में से 10 मामलों में ही BJP, TMC या राजनीति का जिक्र है। बहुत से मामलों में जुर्म करने वाले का नाम भी नहीं बताया गया। कई मामलों में पुरानी रंजिश के चलते घटना होना सामने आ रहा है। ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान हमें मिले कई पीड़ितों ने ये आरोप भी लगाए कि उनके मुताबिक FIR नहीं लिखी गईं। बल्कि पुलिस जो चाहती थी वो लिख दिया गया। ऐसे में हाईकोर्ट के निर्णय के बाद ही सच्चाई पूरी सामने आने की उम्मीद है।