सच्ची कहानी पर बनी अद्भुत फ़िल्म है ‘छपाक’, देखकर मन में उठेगी छपाक सी लहर

फिल्म: छपाक
कलाकार: दीपिका पादुकोण, विक्रांत मेस्सी, अंकित बिष्ट, मधुरजीत सरघी
निर्देशक: मेघना गुलज़ार
निर्माता : दीपिका पादुकोण

एक असली घटना पर आर्धारित फिल्म ‘छपाक’ देश में औरतों के खिलाफ बढ़ते अपराधों को अंकित करती है। इस फिल्म में एक लड़की के साथ एसिड अटैक होने के बाद का संघर्ष दिखाया गया है। यह फिल्म ‘लक्ष्मी अग्रवाल’ नाम की लड़की की ज़िन्दगी से प्रेरित है।

फिल्म की कहानी

फिल्म की शुरुआत होती है मालती अग्रवाल (दीपिका पादुकोण) से, जो नौकरी ढूंढ रही है। लेकिन हर जगह बदसूरत चेहरे की वजह से उसे घृणा की नज़रों से देखा जाता है। इस दौरान एक पत्रकार से मुलाकात के बाद उसकी ज़िन्दगी का सच सामने आता है। दरअसल, मालती के चेहरे पर एसिड फेंक दिया गया था। इस तेज़ाब की वजह से मालती का चेहरा पूरी तरह से जल जाता है। काफी ऑपरेशन के बाद भी उसका चेहरा काफी बेहतर नहीं हो पाता। इस अटैक का शक उसके बॉयफ्रेंड राजेश (अंकित बिष्ट) पर जाता है, हालाँकि यह गुनाह उसके जानकार बब्बू उर्फ बशीर खान और उसकी रिश्तेदार परवीन शेख ने किया था।

एसिड अटैक से किसी तरह उभर 19 साल की मालती को मदद मिलती है शिराज और एक वकील अर्चना(मधुरजीत सरघी) से। अर्चना मालती का केस लड़ती है और उसे न्याय दिलाने की हरसंभव कोशिश करती है। इस दौरान, मालती ऐसिड अटैक के सर्वाइवर्स के लिए काम करने वाली एक एनजीओ से जुड़ती है। और मालती की मुलाकात एनजीओ के कर्ता-धर्ता अमोल से होती है। यहाँ से दोनों की प्रेम कहानी शुरू होती है।

एक्टिंग

दीपिका पादुकोण ने इस फिल्म में मालती(लक्ष्मी) को जीवंत बना दिया है। इस फिल्म में दीपिका एक स्कूल की बच्ची से लेकर एक महिला तक का किरदार बखूबी निभा रही हैं। मालती पर तेज़ाब फेकना, उसका पहली बार खुद को आईने में देखना, खुद को हिम्मत देना और साथ साथ एक लड़ाई लड़ना, छोटी-छोटी जीत पर खुश होना जैसे लम्हो में आपको कहीं भी दीपिका की झलक न मिलकर सिर्फ मालती मिलेगी।

एक एनजीओ कार्यकर्ता के किरदार में विक्रांत मेस्सी ने अपनी एक्टिंग से जान डाल दी है। डायलाग से लेकर हर भाव, और किरदार में ठहराव को विक्रांत ने बखूबी निभाया है। जहाँ मालती का किरदार आपको हिम्मत देगा, वहीं विक्रांत के किरदार से प्यार न करना आपके लिए मुश्किल रहेगा।

इनके अलावा फिल्म की बाकी कास्ट अंकित बिष्ट, मधुरजीत सरघी, देवस दीक्षित और दूसरे अभिनेताओं ने भी फिल्म को जीवंत बनाने में पूरा योगदान दिया यही। इसके अलावा फिल्म में ली गई असल जिंदगी में एसिड अटैक पीड़िता ऋतू, बाला, जीतू और कुंती ने भी फिल्म में चार चाँद लगाए हैं।

निर्देशन

इस फिल्म से मेघना गुलजार ने एक बार खुद को साबित कर दिया है। एक दर्दनाक कहानी को इतनी खूबसूरती से पेश कर मेघना गुलज़ार इस फिल्म से सभी का दिल जीत रही हैं। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी, म्यूजिक, एडिटिंग और प्रोस्थेटिक्स का इस्तेमाल बहुत अच्छे तरीके से किया गया है। वहीँ, अरिजीत सिंह की आवाज़ में गुलजार के लिखे गानो के शब्द दर्शकों के अंदर तक पहुंचने में सक्षम हैं।

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