8 हफ्तों में भरें उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों के खाली पद, सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को दिए निर्देश
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों (SCDRCs) में खाली पदों को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को आयोग में खाली पदों को आज से आठ हफ्ते के अंदर भरने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हृषिकेश रॉय की बेंच ने उपभोक्ता आयोगों में रिक्त पदों के मुद्दे को हल करने के लिए अदालत द्वारा दर्ज एक स्वत: संज्ञान मामले में यह निर्देश दिया.
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कुछ राज्यों ने यह बहाना दिया है कि केंद्र सरकार के परामर्श से पदों की संख्या को मंजूरी नहीं दी गई है, इसलिए भर्तियों को रोक दिया गया है. कोर्ट ने राज्यों के तर्क यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 42 के आदेश के अनुसार सदस्यों की संख्या 4 से अधिक होने पर ही केंद्र सरकार से परामर्श की आवश्यकता होती है.’
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह एक विधायी जनादेश है और यदि संख्या चार से अधिक होगी तो ही केंद्र सरकार से परामर्श की आवश्यकता होती है. यदि राज्य को लगता है कि संख्या चार होनी चाहिए, तो यह अध्यक्ष और अनिवार्य चार सदस्य की नियुक्ति को पटरी से उतारने का कारण नहीं हो सकता है. बहरहाल देखना अहम होगा कोर्ट के इस आदेश के बाद राज्यों के द्वारा कितनी जल्दी इस दिशा में कदम उठाया जाता है.
अदालत ने राज्यों और केंद्रों के मुख्य सचिवों (सचिव, उपभोकता) को उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों में खाली पदों को भरने के निर्देश का पालन नहीं करने के मामले में अगली तारीख को पेश होने के निर्देश दिए हैं. अदालत ने सभी सचिव वर्चुअली होने वाली अगली सुनवाई में शामिल होने के निर्देश जारी किए हैं. कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से SCDRCs में खाली पदों को लेकर कहा, ‘बड़ी संख्या में खाली पदों के मद्देनजर हम सभी मौजूदा और संभावित रिक्तियों का विज्ञापन देने के आदेश देते हैं.’
कोर्ट ने दो हफ्तों के अंदर एडवरटाइज जारी करने के आदेश दिए हैं. साथ ही अदालत ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश ने अब तक चुनाव समितियां नहीं बनाई हैं. उन्हें आज से चार हफ्तों के अंदर ऐसा करने के आदेश दिए जाते हैं.’