लखनऊ में महिला अधिकारी ने 2 IAS समेत 11 अधिकारियों पर लगाये यौन उत्पीड़न के आरोप
न्यू हैदराबाद स्थित राज्य नियोजन संस्थान में राज्य नियोजन संस्थान में एक महिला अधिकारी को झूठे आरोपों में फंसाकर उनके लैंगिग उत्पीड़न के प्रयास का संगीन मामला सामने आया है।
आरोप है कि महिला अधिकारी को विभागीय कूटचरिचत दस्तावेजों के जरिए गंभीर मामले में फंसाने का प्रयास किया जा रहा था।
महिला आयोग के हस्तक्षेप के बाद लखनऊ की महानगर कोतवाली में राज्य नियोजन संस्थान में तैनात दो वर्तमान और एक सेवानिवृत्त आइएएस समेत 11 अधिकारियों पर धोखाधड़ी व षड्यंत्र की धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है।
आरोपितों में एक आइएएस अधिकारी डॉ.सतवीर सिंह 31 दिसंबर 2020 को राज्य नियोजन संस्थान के संयुक्त निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। जबकि 2012 बैच के आइएएस अधिकारी अंकित अग्रवाल व ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी को भी नामजद आरोपित बनाया गया है।
एडीसीपी प्राची सिंह का कहना है कि महिला अधिकारी द्वारा कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न के आरोपों की पूर्व से ही विभागीय जांच चल रही है। पुलिस ने महिला अधिकारी की तहरीर के आधार पर एफआइआर दर्ज कर जांच शुरू की है।
एडीसीपी प्राची सिंह का कहना है कि महिला अधिकारी का आरोप है कि उन्होंने विभाग में हुई अनियमित्ताओं की शिकायत उच्चाधिकारियों से की थी। शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
उच्चाधिकारियों से शिकायत के बाद विभाग के अफसर डॉ. सतवीर सिंह उन्हें प्रताड़ित करने लगे। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत राज्य नियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल (आइएएस अधिकारी) व ज्ञान प्रकाश (आइएएस अधिकारी) से की, लेकिन उन्होंने भी कोई सुनवाई नहीं की।
इसके बाद अधिकारियों के सिंडीकेट ने उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया। महिला अधिकारी से अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाने लगा और उन्हें खिड़की से फेंकने की धमकी भी दी गई।
झूठे मामलों में फंसाने के लिए उनके खिलाफ साजिशन आरोप पत्र भी दाखिल किया गया। विभाग में सुनवाई न होने पर महिला अधिकारी ने राज्य महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया था।
आयोग के आदेश पर तीन फरवरी को महानगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी डॉ.सतवीर सिंह, आइएएस अधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी व अंकित कुमार अग्रवाल के अलावा राज्य नियोजन संस्थान के अधिकारी सैय्यद आफाक, डॉ. संतराम, दिनेश कुमार, डॉ. राजेंद्र कुमार यादव, डॉ. दिव्या सरीन मेहरोत्रा, उमेश कुमार, डॉ. गोविंदा बाबू और वॢतका श्रीवास्तव के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, जान से मारने की धमकी देने समेत अन्य धाराओं में नामजद एफआइआर दर्ज की है।