दिल्ली के स्कूलों में कोरोना के डर से घटी छात्रों की संख्या, अभिभावक कर रहे ये मांग
60-70 फीसदी ही कक्षाओं में उपस्थिति दिखी, अभिभावकों ने भेजीी सलाह
राजधानी दिल्ली के निजी स्कूलों में सोमवार को जूनियर कक्षाओं में छात्रों की संख्या अपेक्षाकृत कम रही। स्कूल प्रबंधन कोरोना के बढ़ते मामलों को इसकी बड़ी वजह बता रहे हैं। स्कूलों में कोरोना के मामले सामने आने के बाद से अभिभावकों डर गए है। वे बच्चों की कक्षाएं हाइब्रिड या ऑनलाइन मॉड में चाहते हैं।माउंट आबू पब्लिक स्कूल रोहिणी की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा ने बताया कि हमारे यहां सोमवार को बच्चों की संख्या में कमी देखी गई। 60-70 फीसदी ही कक्षाओं में उपस्थिति दिखी। अभिभावकों की ओर से सलाह भेजी जा रही है।
बता दे कि इसमें हाइब्रिड मोड और ऑनलाइन कक्षाओं को चलाने की मांग की जा रही है। हमने अपने यहां असेंबली स्थगित कर दी है। इसके अलावा कक्षाओं को सैनेटाइज करने, भीड़ एकत्रित न होने सहित कई जरूरी एहतियाती कदम पहले की तरह अपना रहे हैं।
छात्रों की संख्या में 10 फीसदी की कमी
हंसराज स्मारक सीनियर सेकेंडरी स्कूल दिलशाद गार्डन की प्रिंसिपल अनु सिंह का कहना है कि हमारे यहां सोमवार को छात्रों की संख्या में 10 फीसदी की कमी आई है। जब किसी स्कूल में कोविड का मामला आता है और मीडिया में रिपोर्टिंग होती है तो अभिभावक परेशान होते हैं और वह इस बारे में पूछताछ करते हैं। उन्होंने बताया कि 26 अप्रैल से बोर्ड की परीक्षाएं हैं, इसलिए हम 25 अप्रैल से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करेंगे।
ऑनलाइन कक्षा के लिए की मांग
हालांकि आईटीएल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. सुधा आचार्य का कहना है कि हमारे यहां पहले के मुकाबले छात्रों की संख्या में मामूली कमी आई है। अभी ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने संबंधी कोई आग्रह नहीं आया है। हमारे यहां इसी महीने अवकाश के दिनों में एक छात्र को कोविड की समस्या आई थी लेकिन उसमें दो दिन लक्षण रहे और वह ठीक हो गया। एहतियातन उसे सात दिन स्कूल नहीं आने को कहा गया। पीतमपुरा स्थित एक अन्य निजी स्कूल के प्रबंधक का कहना है कि यदि कोरोना के मामले बढ़े और जिस तरह अभिभावकों का दबाव है नर्सरी से कक्षा पांचवीं तक फिर से ऑनलाइन मोड में कक्षाओं का संचालन हो सकता है। हम इसे लेकर तैयारी कर रहे हैं।