प्रयागराज डबल मर्डर केस में चौंकाने वाला खुलासा, CCTV में दिखा कातिल.. जाल बिछाकर पुलिस ने दबोचा

प्रयागराज के चर्चित एफसीआई रिटायर्ड अधिकारी अरुण श्रीवास्तव और उनकी पत्नी मीना श्रीवास्तव के डबल मर्डर केस में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने घटना के मुख्य संदिग्ध करछना के रहने वाले इलेक्ट्रिशियन राजकुमार विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के घर से दो झोले भी बरामद किए गए हैं, जिनमें लूटे गए जेवरात मिलने का दावा किया जा रहा है।

CCTV फुटेज और ऑटो चालक की गवाही ..

दरअसल, हत्याकांड के बाद पुलिस ने आसपास के इलाकों के CCTV फुटेज खंगालने शुरू किए। एडीए मोड़ के पास फुटेज में दिखे एक संदिग्ध युवक की पहचान एक ऑटो चालक की मदद से की गई। चालक ने बताया कि घटना वाले दिन उसने इसी युवक को करछना से एडीए मोड़ तक छोड़ा था। इसके बाद जब पुलिस ने संदिग्ध के मूवमेंट को ट्रेस किया तो वह चंद्रलोक गेस्ट हाउस की ओर जाते दिखा, जिससे साफ हुआ कि वह वापस लौटते वक्त अलग रास्ते से गया था।

मोबाइल लोकेशन ने खोला राज

संदिग्ध की पहचान के बाद पुलिस ने अरुण और मीना श्रीवास्तव के मोबाइल लोकेशन को ट्रेस किया। पाया गया कि उनके मोबाइल फोन करछना के मेन चौराहे के पास स्थित SBI बैंक के पास सक्रिय थे। यहीं से आरोपी राजकुमार को पकड़ा गया। पुलिस के अनुसार, उसने मोबाइल फोन स्विच ऑफ नहीं किया था, जिससे उसकी लोकेशन मिल गई।

आधी रात को पुलिस की दबिश, घर से मिला संदिग्ध सामान

29 अप्रैल की रात पुलिस ने राजकुमार विश्वकर्मा के घर छापा मारा। दरवाजा बंद होने के कारण उसे तोड़कर अंदर घुसी और इलेक्ट्रिशियन को अरेस्ट किया। घर से दो झोले भी बरामद किए गए, जिनमें से गहनों की बरामदगी की बात सामने आ रही है। हालांकि, परिवार का दावा है कि ये गहने उनके हैं और हाल ही में शादी के लिए खरीदे गए थे। परिवार ने पुलिस पर गलत तरीके से फंसाने का आरोप भी लगाया है।

तीन साल से कर रहा था बिजली का काम, वहीं से की रेकी

अरुण श्रीवास्तव के घर में तीन वर्षों से निर्माण कार्य चल रहा था। बिजली का ठेका राजकुमार के पास ही था। वह इसी बहाने नियमित रूप से घर में आता-जाता था और यहीं से उसने रेकी की। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि डबल मर्डर लूट के इरादे से ही किया गया था।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर गहरे वार से मौत की पुष्टि

SRN अस्पताल में हुई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दोनों की मौत सिर पर गहरे वार की वजह से हुई। अरुण श्रीवास्तव के सिर, गर्दन और कंधे पर कुल 7 घाव थे। वहीं, मीना श्रीवास्तव के सिर में भारी चोट थी जिससे खोपड़ी में गड्ढा बन गया। कुल मिलाकर उनके सिर में चार और गर्दन पर एक वार मिला।

ऑटो से जाने के बाद किया रास्ता बदलने का प्रयास

CCTV से सामने आया कि घटना के बाद आरोपी चंद्रलोक गेस्ट हाउस की दिशा में गया। इससे अंदेशा है कि वह पकड़ से बचने के लिए रास्ता बदलकर वापस लौटा। पुलिस को शक है कि हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार और बाकी गहने अब भी बरामद नहीं हुए हैं, इसलिए छापेमारी जारी है।

बेटा-बेटियां दूर, घर में रहते थे अकेले

एफसीआई से रिटायर्ड अरुण श्रीवास्तव अपनी पत्नी मीना के साथ नैनी की एडीए कॉलोनी के एलआईजी मकान में रहते थे। उनके तीनों बेटियों की शादी हो चुकी थी, बेटा मनीष एसबीआई में मध्य प्रदेश के सीधी ब्रांच में कार्यरत है। तीसरी मंजिल पर हाईस्कूल का छात्र सुनील किराए पर रहता था, जिसने सबसे पहले हत्या की सूचना दी।

हत्या के दिन की घटनाएं और सुनील की गवाही

हत्या के दिन दोपहर 3 बजे सुनील ने अरुण श्रीवास्तव से बात की थी। शाम को जब वह बाहर निकला तो मेन गेट और कमरे के ताले बंद मिले। उसने शोर मचाया, तब आस-पास के लोग पहुंचे और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने दरवाजा खोलकर अंदर देखा तो अरुण मृत और मीना घायल अवस्था में मिलीं, जिनकी बाद में मौत हो गई।

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