IPL के सबसे तेज गेंदबाज की कहानी:बेटा भी सब्जी न बेचे इसलिए पिता ने उमरान को क्रिकेट खेलने भेजा
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सनराइजर्स हैदराबाद के उमरान मलिक इस सीजन में IPL के सबसे तेज रफ्तार से गेंद फेंकने वाले भारतीय बॉलर बने। उन्होंने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के खिलाफ मैच में 152.95 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गेंद फेंकी। न्यूज एजेंसी के मुताबिक उन्हें टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के साथ नेट बॉलर के तौर पर शामिल कर लिया गया है।
उमरान के पिता अब्दुल राशिद मलिक नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भी उनकी तरह सब्जी और फल बेचे। इसलिए उन्होंने उमरान को कभी भी दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने से नहीं रोका। अब्दुल राशिद ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया, ‘मेरी जम्मू के शहीदी चौक पर फल और सब्जी की दुकान है। इस दुकान को मैं और मेरा छोटा भाई ही संभालते हैं। मैं नहीं चाहता था कि उमरान भी यही काम करे, इसलिए मैने कभी भी उन्हें दुकान पर आने नहीं दिया। मैंने हमेशा उसे अपने सपने को पूरा करने के लिए ही प्रेरित किया।’
बचपन में कही बात को पूरा कर रहे हैं उमरान
राशिद कहते हैं कि उमरान जब छोटे थे, तभी से गलियों में अन्य बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते थे। मैं जब भी उसे कुछ कहता, तो सिर्फ वह यही कहते थे कि पापा मैं क्रिकेट में आपका नाम रोशन करूंगा। मैं देश के लिए खेलूंगा। आज मेरे बेटे ने UAE में सचमुच मेरा नाम रोशन कर दिया है। आज उसके बारे में हर कोई जानना चाहता है। लोग मेरे घर पर आकर मुझे बधाई दे रहे हैं। मुझे भरोसा है कि जल्दी वह देश का भी नाम रोशन करेगा।
घर में देर शाम तक करते थे एक्सरसाइज
उन्होंने बताया कि उमरान में क्रिकेट के प्रति जुनून इस कदर है कि वह देर शाम तक एक्सरसाइज करते थे। यही नहीं घर में भी अपनी दोनों बड़ी बहनों से क्रिकेट खेलने की जिद करते थे। बहनों को कहते थे कि वह उनके साथ क्रिकेट खेलें। उमरान की क्रिकेट के प्रति लगाव को देखने के बाद हमने उन्हें मौलाना आजाद क्रिकेट स्टेडियम कोचिंग सेंटर में कोच रणधीर सिंह (राजन सर) के पास भेजना शुरू कर दिया था।
स्पीड देखकर जम्मू से खेलने का मौका मिला
उसके बाद उनका सिलेक्शन अंडर-19 और अंडर-23 के लिए जम्मू कश्मीर की टीम के लिए हुआ। पर उन्हें ज्यादा मैचों में मौके नहीं मिले। फिर उनकी स्पीड की वजह से सनराइजर्स हैदराबाद की टीम में नेटबॉलर के तौर पर मौका मिला। बाद में उन्हें टीम में और फिर प्लेइंग इलेवन में भी शामिल किया गया।
कोच ने गेंदबाजी पर फोकस करने की सलाह दी
कोच रणधीर सिंह ने बताया, ‘उमरान 17 साल की उम्र में मेरे पास आए थे। जब वह आए थे, तब उनकी स्पीड काफी अच्छी थी। अन्य बल्लेबाज उनकी गेंद खेलने से डरते थे। उमरान रेगुलर नहीं आते थे। मैंने उनकी स्पीड देखने के बाद उनसे कहा था कि आप अपना फोकस करें और रेगुलर प्रैक्टिस करें। जिसके बाद उमरान लगातार अभ्यास करने के लिए आने लगे। कुछ ही दिनों बाद उनका सिलेक्शन अंडर-19 टीम के लिए हो गया था।’
उमरान ने कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ 152.95 की स्पीड से गेंद फेंकी।
स्पीड की वजह से असम के खिलाड़ियों ने बल्लेबाजी नहीं की
उमरान के कोच रणधीर सिंह एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि 1999 में असम की टीम जम्मू कश्मीर की रणजी टीम के साथ मैच खेलने के लिए आई थी। उमरान को असम टीम ने नेट बॉलर के तौर पर उन्हें शामिल किया। उमरान की स्पीड को देखकर असम टीम के कोच टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर अजय रात्रा ने उमरान को कहा कि गेंद की स्पीड कम रखें, नहीं तो मैच से पहले ही असम के खिलाड़ी चोटिल हो जाएंगे। रात्रा ने उमरान के टीम में शामिल नहीं होने पर हैरानी जताई थी।
अब्दुल समद लेकर गए हैदराबाद
रणधीर सिंह ने बताया कि सन राइजर्स हैदाराबाद की टीम में शामिल अब्दुल समद कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान सरकार से परमिशन लेकर स्टेडियम में ट्रेनिंग करते थे। उस दौरान वह बैटिंग प्रैक्टिस करने के लिए उमरान को लेकर जाते थे। समद की फास्ट बॉलरों पर बेहतर शॉट के बारे में जब सनराइजर्स टीम के खिलाड़ियों ने पूछा तो उन्होंने बताया कि उनकी एकेडमी में काफी स्पीड से गेंद फेंकने वाला गेंदबाज है। उसी की गेंद पर अभ्यास करते हैं। इसके बाद टीम मैनेजमेंट ने उमरान से वीडियो मांगे और बाद में टीम में नेट बॉलर के तौर पर शामिल कर लिया।
इंडिया टीम में शामिल होने की उम्मीद
कोच रणधीर सिंह ने कहा कि उमरान काफी ताकत से गेंद फेंकते हैं। उन्हें सही मार्गदर्शन मिले, तो टीम इंडिया के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं। उन्हें भरोसा है कि जल्द ही उन्हें भारतीय टीम से मौका मिलेगा।
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