किसानों को राज्य स्थापना दिवस 01 नवंबर को मिलेगा धान की तीसरी किश्त : भूपेश बघेल
जगदलपुर। बस्तर दशहरा पर्व के रियासत कालीनपरंपरानुसार मुरिया दरबार में बुधवार को शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों को धान का तीसरा किस्त राज्य स्थापना दिवस 01 नवंबर को मिलने की घोषणा किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने चार हजार रुपये में तेंदूपत्ता खरीदने तथा 21 लघु वनोपज खरीदने की उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने महुआ 20 रुपये प्रति किलो में खरीद कर पहली बार कोरोना काल के दौरान 35 रुपये में बेचने की उपलब्धि को भी बताया। कोरोना के दौरान बस्तर दशहरा के सभी परंपराओं के निर्वहन के लिए बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष को बधाई देने के साथ ही बस्तर दशहरा के अभिन्न अंग मांझी, चालकी, मेंबर, मेंबरिन, पुजारी,रावत, और रथ निर्माण कारीगरों एवं जोगी का मानदेय बढ़ाने की घोषणा करते हुए, पुजारियों के रिक्त पदों को जल्द ही भरने की घोषणा की।
प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर के विकास के लिए हमेशा चर्चा चलती रहती है। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को बताते हुए केंद्र पर आरोप लगाया कि धान खरीदी के बोनस देने से केंद्र सरकार ने इंकार कर दिया। बावजूद इसके हमारी सरकार के द्वारा 25 सौ रुपये में धान खरीदा, तेंदूपत्ता की खरीदी चार हजार में हमारी सरकार ने किया है। 21 लघु वनोपज की खरीदी भी सरकार पहली बार कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस महुआ को पिछली सरकार की नीतियों के कारण सड़क में फेंका जा रहा था, उसे स्व. सहायता समूह के द्वारा 20 रुपये किलो में खरीद कर कोरोना काल में 35 रुपये में बेचा गया। इमली की खरीदी ही 31 रुपये में की गई है, जो सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि हाट बाजार क्लीनिक की व्यवस्था कोरोना से बाधित हुई है, जिसे पुन: शुरू करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने गौठान एवं गोधन न्याय योजना कीउपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ एक मात्र प्रदेश है, जहांं गोबर की खरीदी की जा रही है। उन्होंने मलेरिया और डायरिया से मौत होती थी, 14 लोगों के मलेरिया की जांच करवाकर इस पर अंकुश लगाया है। देश में पहली बार कुपोषण में 14 प्रतिशत की कमी देखी गई यह बड़ी उपलब्धि है। मनरेगा के तहत 01 दिन में 36 लाख लोगों को रोजगार देने का उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मांझी, चालकी,मेंबरिन को वन अधिकार पट्टा देने के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया है। बस्तर दशहरा में के मुख्य अंग मांझी,चालकी, मेंबरिन, जोगी, पुजारी, रावत, रथनिर्माण कारीगरों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा किया। इसके अतिरिक्त पूजा में सम्मिलित होने वाले अन्य सदस्यों को भी 15 सौ रुपये वार्षिक मानदेय मिलेगा। कछनदेवी मंदिर के लिए एक पुजारी और एक सेवादार का पद की स्वीकृति सहित रिक्त 11 पुजारी के पदों को 06 माह के अंदर भरने के लिए आदेशित किया है। इस दौरान बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, बस्तर सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष चंदन कश्यप, महापौर सफिरा साहू, बस्तर महाराजा कमलचंद भंजदेव, सहितमांझी, चालकी, मेंबरीन और प्रबुद्ध नागरिक शामिल हुए।