कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानो ने बनाया दूसरा मंच, जानिए क्या है इनकी मांग
सोनीपत, नये कृषि कानूनों के खिलाफ कुंडली बार्डर पर किसानों की बढ़ती भीड़ के चलते अब राजीव गांधी एजुकेशन सिटी के पास दूसरा बड़ा मंच बनाया गया है।
कुंडली में पहले से ही एक मंच बना हुआ है। दोनों मंचों से अब किसानों को आंदोलन की आगामी रणनीति की जानकारी दी जाएगी।
कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन स्थल पर पंजाब से दिन भारी संख्या में किसान पहुंच रहे हैैं। शुक्रवार को भी 80 से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्राली कुंडली बार्डर पर पहुंची। किसानों की बढ़ती भीड़ के मद्देनजर अब कुंडली बॉर्डर के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-44 पर राजीव गांधी एजुकेशन सिटी के सामने दूसरा मंच बनाया है गया। यहां से किसानों को समय-समय पर आगामी रणनीति की घोषणा की जाएगी।
किसानों ने सरकार से वार्ता के संदर्भ में 10 जनवरी को कुंडली में संयुक्त मोर्चा की बैठक बुलाई है। इसके बाद 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का रुख देखते हुए आंदोलन को लेकर कुछ नया फैसला लिया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय महासचिव शमशेर सिंह दहिया का कहना है कि यह कानून किसान के लिए वैसे भी आत्मघाती हैं,
इससे अच्छा यह होगा कि किसान हक की लड़ाई लड़ते हुए यहीं पर शहीद हो जाएं। उन्होंने इशारा किया है कि 11 जनवरी को बड़े आंदोलन का ऐलान हो सकता है। इसके अलावा किसानों ने 26 जनवरी तक के आंदोलन पहले से घोषित कर रखे हैं। अब पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है