करनाल में किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी, टिकैत ने आगे की रणनीति के लिए कही ये बात
जिला प्रशासन द्वारा घायल प्रदर्शनकारियों को मुआवजा देने और 28 अगस्त को किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार करने के बाद किसानों ने कल करनाल में एक मार्च और मिनी सचिवालय का घेराव किया। करनाल में बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा, ”प्रशासन ने एसडीएम की पिछली कार्रवाई का स्पष्टीकरण देने की कोशिश की है। हम आगे की कार्रवाई पर फैसला लेने के लिए किसानों के साथ बैठक करेंगे।”
आपको बता दें कि पिछले महीने पुलिस लाठीचार्ज को लेकर हरियाणा की भाजपा नीत सरकार के साथ तनातनी के बीच मंगलवार को बड़ी संख्या में किसानों ने जिला मुख्यालय का घेराव करते हुए इसके गेट पर धरना शुरू किया। यह घेराव शाम को शुरू हुआ। इससे कई घंटे पहले हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से किसान ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल पर सवार होकर महापंचायत के लिए करनाल की नयी अनाज मंडी पहुंचे। महापंचायत स्थल से पांच किलोमीटर दूर मिनी सचिवालय तक पैदल मार्च करते हुए किसानों का सामना परिसर के पास पानी की बौछारों से हुआ। किसानों ने कुछ बैरिकेड पार कर लिए लेकिन रास्ते में पुलिस के साथ कोई गंभीर टकराव नहीं हुआ।किसान पिछले महीने हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर 28 अगस्त को करनाल में हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कार्रवाई की मांग की थी और ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी थी। किसान नेताओं ने आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सिन्हा कथित तौर पर एक वीडियो में पुलिसकर्मियों को प्रदर्शन कर रहे किसानों के ”सिर फोड़ने” के लिए कहते सुनाई दे रहे हैं।
वहीं, देर शाम करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि प्रशासन ने किसान नेताओं को एक और दौर की वार्ता के लिए बुलाया था। उन्होंने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, ”हम लगातार उनके संपर्क में हैं और हमें मुद्दे के समाधान की पूरी उम्मीद है।” गृह विभाग ने स्थिति के संवेदनशील होने का हवाला देते हुए शाम को करनाल में मोबाइल इंटरनेट सेवा के निलंबन की अवधि बुधवार आधी रात तक बढ़ा दी।” इससे पहले यह सेवाएं करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत में मंगलवार आधी रात तक के लिए निलंबित की गई थीं।आदेश में कहा गया, “विरोध प्रदर्शन और उग्र होने आशंका है जिससे जन सुरक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है और करनाल में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।” आदेश में बाकी चार जिलों के बारे में नहीं कहा गया है।”
दिल्ली में, कांग्रेस ने कहा कि अगर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर प्रदर्शन कर रहे किसानों से बात नहीं कर सकते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना ‘अहंकार ‘ छोड़ देना चाहिए और उन तीन ‘काले कानूनों’ को वापस ले लेना चाहिए, जिनका किसान महीनों से विरोध कर रहे हैं।