किसान, प्रसंस्करण इकाइयां, एमएसएमई तथा स्टार्टअप आत्मनिर्भर भारत की प्राण शक्ति होंगे- मोदी
दिल्ली, वित्तीय सेवा क्षेत्र में बजट के कार्यान्वयन पर एक वेबीनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र के बारे में सरकार का दृष्टिकोण बिल्कुल स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि विश्वास, पारदर्शिता और भरोसा वित्तीय क्षेत्र के आधार हैं। मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के शासन में बैकिंग और गैर-बैकिंग क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दस साल पहले बड़े स्तर पर उधार देने के नाम पर वित्तीय और बैकिंग क्षेत्र को कमजोर किया गया, जो अब मौजूदा सरकार की प्रतिबद्धता के कारण पटरी पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपारदर्शी कारोबारी संस्कृति को समाप्त करने के लिए कई कदम उठाये हैं।
मोदी ने कहा कि सरकार ने फंसे कर्जो की स्थिति को दबाये रखने के बजाय उनके बारे में जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने केन्द्रीय बजट के प्रमुख प्रावधानों का जिक्र करते हुए उन्होंने वित्त से सम्बद्ध निजी क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया।
ये भी पढ़े- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेलों को गौरवपूर्ण स्थान दिया गया है : मोदी
प्रधानमंत्री ने सबके लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के वास्ते बैकिंग और बीमा क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों की निरन्तर और मजबूत भागीदारी के महत्व पर जोर दिया। वित्तीय क्षेत्र में सरकार के प्रमुख सुधारों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिवालिया और शोधन अक्षमता संहिता ने ऋणदाताओं में भरोसा पैदा किया है। उन्होंने कहा कि छोटे बैंकों के विलय और परिसम्पत्ति पुनर्गठन संस्थानों तथा विकास वित्तीय संस्थान के प्रावधान से देश के वित्तीय क्षेत्र में मजबूती आएगी।
मोदी ने कहा कि टैक्नोलॉजी के उपयोग से वित्तीय समावेशन में अभूतपूर्व वृद्धि हासिल करने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि देश ने लगभग 130 करोड़ जनता के लिए आधार कार्ड बनाने के साथ साथ 41 करोड़ लाभार्थियों के लिए जन-धन खाते खोलने में सफलता हासिल की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वृद्धि की मौजूदा रफ्तार से देश के वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अगले तीन वर्षों में साठ खरब डॉलर के आंकडे को छूने की संभावना है।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि किसान, प्रसंस्करण इकाइयां, सूक्ष्म लघु और मझौले उद्यम तथा स्टार्टअप आत्मनिर्भर भारत की प्राण शक्ति होंगे।