मशहूर फिल्म एडिटर वामन भोसले का निधन
वामन भोसले पिछले कई माह से बीमार चल रहे थे। उनके निधन की पुष्टि फिल्मकार सुभाष घई ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर दी है। सुभाष घई ने लिखा, “वामन भोंसले सर की आत्मा को शांति मिले। मेरी पहली फिल्म ‘कालीचरण’ में जीनियस एडिटर, जो बाद में ‘खलनायक’ तक मेरी सभी फिल्मों के एडिटर टीचर रहे और मुझे अपनी ‘ताल’ जैसी फिल्मों की एडिटिंग के लिए प्रेरित करते रहे। एक महान टीचर।”
वामन भोसले के निधन से मनोरंजन जगत में शोक की लहर है। वामन भोसले ने 1952 में मुंबई में एडिटर डी एन पाई की निगरानी में बॉम्बे टॉकीज में एडिटिंग की ट्रेनिंग ली और फिर 12 साल तक फिल्मिस्तान स्टूडियो में बतौर असिस्टेंट एडिटर काम किया। 1969 में प्रदर्शित राज खोसला निर्देशित ‘दो रास्ते’ बतौर एडिटर वामन का पहला बड़ा प्रोजेक्ट था, जिसकी खूब सराहना हुई। इसके बाद वामन ने ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘दो रास्ते’, ‘इनकार’, ‘दोस्ताना’, ‘गुलाम’, ‘अग्निपथ’, ‘हीरो’, ‘कालीचरण’, ‘राम लखन’ , ‘परिचय’ , ‘मौसम’, ‘आंधी’, ‘कर्ज’, और ‘सौदागर’ जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों को एडिट किया।
1977 में प्रदर्शित फिल्म ‘इनकार ‘ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ एडिटर के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया था। 1991 में रिलीज हुई दिलीप कुमार, राजकुमार, मनीषा कोइराला और विवेक मुश्रान स्टारर और सुभाष घई के निर्देशन में बनी ‘सौदागर’ के लिए वामन भोसले को फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। वामन भोसले ने राज खोसला के अलावा गुलजार, सुभाष घई, शेखर कपूर, रवि टंडन, महेश भट्ट, राज एन सिप्पी, अनिल गांगुली, सुनील दत्त, विक्रम भट्ट और के विश्वनाथ जैसे कई डायरेक्टर्स के साथ काम किया।