विराट कोहली- ऊंची दुकान फीका पकवान:बड़े टूर्नामेंट में रहे फिसड्डी कप्तान,
5 फैक्टर में समझिए क्यों कोहली नहीं बना पाए टीम को चैंपियन
टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप में 2012 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई। पूरे वर्ल्ड कप में विराट कोहली की कप्तानी सवाल के घेरे में रही। कैप्टन कोहली ने ऐसे फैसले लिए जो समझ के परे थे। कोहली ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि यह टूर्नामेंट बतौर कप्तान उनका आखिरी टी-20 असाइनमेंट होगा, लेकिन एक बार फिर वो भारतीय टीम को ICC ट्रॉफी दिलाने में नाकामयाब रहे। आइए, आपको 5 ऐसे फैक्टर बताते हैं कि आखिरी क्यों वह इस टूर्नामेंट में फिसड्डी साबित हुए।
इंग्लैंड की नकल करने की कोशिश
साल 2015 के वनडे वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की टीम का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। इसके बाद टीम ने आक्रामक क्रिकेट खेलना शुरू किया। इसका फायदा टीम को मिला और सफेद गेंद की क्रिकेट में इंग्लैंड की टीम विश्व विजेता बनकर सबके सामने आई।
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने इसी खेल को अपनाया। उन्होंने अपने कई इंटरव्यू में ये बात कही कि वो भी टी-20 क्रिकेट में आक्रामक क्रिकेट खेलेंगे। इंग्लैंड की टीम जब भारत का दौरा करने आई तो इसकी झलक भी देखने को मिली।
सलामी बल्लेबाज के तौर पर पहले मैच में शिखर का बल्ला नहीं चला तो उन्हें आगे के दो मैचों में मौका नहीं दिया गया। उनकी जगह ईशान किशन सलामी बल्लेबाज बनकर आए और आक्रामक खेल भी दिखाया।
पहले रोहित और धवन इनिंग को बिल्ड करने में भरोसा रखते थे, लेकिन इंग्लैंड सीरीज से हमने केवल जल्दी-जल्दी रन बनाने को ही देखा। खुद कप्तान कोहली ने IPL के दौरान सलामी बल्लेबाज के तौर पर अपनी शैली बदल दी। ये भी कयास लगाए जा रहे थे कि वो टी-20 वर्ल्ड कप में सलामी बल्लेबाजी करेंगे।
इसलिए वो IPL में ऐसा अप्रोच दिखा रहे हैं। इसका असर ये हुआ कि अनुभवी सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को टीम से बाहर किया गया, जबकि वह कमाल के फॉर्म में थे और ईशान को टीम में जगह दी गई।
न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 वर्ल्ड कप के मुकाबले में उन्हें सलामी बल्लेबाजी के तौर पर भेजा भी गया, लेकिन ये प्रयोग पूरी तरह से असफल रहा। हम शुरू के दोनों मैच में इनिंग ब्लिड नहीं कर पाए। वहीं, विराट पहले मैच में नंबर 3 पर खेले तो दूसरे मैच में नंबर चार पर बल्लेबाजी करने आए।
विराट का टीम सेलेक्शन
टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या का फॉर्म पिछले कुछ दिनों से कुछ खास नहीं रहा था। उनके बल्ले से रन नहीं निकल रहे थे। वहीं, खराब फिटनेस के कारण वह गेंदबाजी भी नहीं कर पा रहे थे। IPL 2021 के बाद टीम इंडिया के चयनकर्ता हार्दिक के फॉर्म और फिटनेस से खुश नहीं थे और वो उन्हें UAE से वापस भारत भेजना चाहते थे, लेकिन उन्हें फिर भी टीम में रखा गया और प्लेइंग इलेवन में जगह भी दी गई।
भुवनेश्वर कुमार का भी प्रदर्शन कुछ हार्दिक जैसा ही था। उनका फिटनेस और प्रदर्शन दोनों ही टी-20 वर्ल्ड कप से पहले बेहद खराब था।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच में जिस स्पीड से वह गेंदबाजी कर रहे थे, ऐसा लग रहा था कोई स्पिनर गेंद फेक रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भुवनेश्वर 122 की स्पीड में गेंदबाजी कर रहे थे। गेंद दुबई में ज्यादा स्विंग होती नहीं है तो उन्हें टीम में क्यों रखा गया किसी को समझ नहीं आया।
आवेश खान, हर्षल पटेल और मोहम्मद सिराज IPL में कमाल की गेंदबाजी कर रहे थे, लेकिन उनको टी-20 वर्ल्ड कप में जगह नहीं दी गई। वहीं, आर अश्विन को 4 साल बाद टी-20 की टीम में लाया गया, लेकिन वो पहले दो अहम मैचों में प्लेइंग 11 का हिस्सा ही नहीं थे।
प्लान बी कभी नहीं था
टीम इंडिया ने शुरू के मैचों में जैसी क्रिकेट खेली किसी को समझ ही नहीं आया कि हमारे पास प्लान बी क्या है। हार्दिक पंड्या जब असफल हुए तो हम 6वें गेंदबाज के लिए तरस रहे थे। टीम के लिए सबसे बड़ी परेशानी खड़ी हो गई कि मैच खत्म कौन करेगा। हार्दिक के असफल होने के बाद उनके विकल्प के तौर पर कोई मैच खत्म करने वाला टीम में था ही नहीं। वरुण चक्रवर्ती को शुरू के दोनों मैचों में टीम में जगह दी गई। दोनों मैचों में वरुण फ्लॉप हुए, उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। इसके बावजूद उन्हें तीसरे मैच में भी जगह दी गई। वहीं, राहुल चाहर अहम मैचों में केवल दर्शक बने रहे।
एक यूनिट में नजर नहीं आई टीम इंडिया
IPL में भारतीय खिलाड़ी अलग-अलग टीमों का हिस्सा थे। वर्ल्ड कप में ये एक यूनिट की तरह नहीं खेल पाए। टेस्ट क्रिकेट में जिस तरह का तालमेल ये दिखाते रहे हैं उसका 10% भी इस टूर्नामेंट में नहीं दिखा सके।
अहम मैच में बैंटिग ऑर्डर बदला
पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में रोहित-राहुल ने ओपनिंग की। अगले ही मैच में राहुल और ईशान किशन ओपनिंग के लिए आए। दो अहम मैच में बैंटिग ऑर्डर में बदलाव किसी को समझ नहीं आया।
राहुल और ईशान ने इससे पहले कभी एक-साथ पारी की शुरुआत नहीं की थी। विराट टूर्नामेंट में किस क्रम पर खेलेंगे इस बात को लेकर भी असमंजस था। वर्ल्ड कप के पहले मैच में वो नंबर-3 पर आए और अगले मैच में नंबर-4 पर।
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