दो राज्यों की ‘सीमा’ में गुम ‘डेथ सर्टिफिकेट’:उत्तर प्रदेश में कारोबारी की मौत, बिहार में अंतिम संस्कार; अब मौत के प्रमाण पत्र के लिए भटक रहा परिवार
श्याम सुंदर केजरीवाल की 23 जून को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। (फाइल फोटो)
पटना के एक कारोबारी की मौत का प्रमाणपत्र दो राज्यों की सीमा के बीच फंस गया है। उत्तर प्रदेश में मौत और बिहार में अंतिम संस्कार के बाद परिवार डेथ सर्टिफकेट के लिए भटक रहा है। उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकारी अलग-अलग पेपर मांग रहे हैं। कोई अंतिम संस्कार का प्रमाण मांग रहा है तो कोई मौत का कारण मांग रहा है। परिवार वालों ने पटना के जिस घाट पर अंतिम संस्कार किया वहां से भी कोई कागजात नहीं मिल रहा है। अब कारोबारी की मौत के बाद परिजन प्रमाण पत्र के लिए दोनों राज्यों के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसे में गई थी जान
पटना के रहने वाले 50 साल के श्याम सुंदर केजरीवाल का भट्टाचार्य रोड पर मछली गली के पास महावीर रेफ्रिजरेशन के नाम से कारोबार है। सामानों की खरीद के लिए वह दिल्ली गए थे और वापसी के दौरान उनकी पजेरो कार 23 जून को उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस घटना में कार में सवार तीन अन्य लोग बाल-बाल बच गए जबकि श्याम सुंदर की मौके पर ही मौत हो गई। फिरोजाबाद के सिरसागंज थाना क्षेत्र में हुई इस घटना की सूचना के बाद पटना से परिवार घटना स्थल पर पहुंच गया।
24 जून को पोस्टमार्टम, 25 को अंतिम संस्कार
घर वालों का कहना है कि दुर्घटना के बाद अगले ही दिन 24 जून को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में पोस्टमॉर्टम हुआ। परिवार वाले शव को लेकर पटना आए और 25 जून को गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार का पूरा लेखा-जोखा रखा गया। परिवार अंतिम संस्कार के बाद जब डेथ सर्टिफिकेट के लिए गया तो पटना नगर निगम ने यूपी जाने को कहा।
दो राज्यों के बीच दौड़ रहा परिवार
श्याम सुंदर के परिवार वालों का कहना है कि डेथ सर्टिफिकेट के लिए वह उत्तर प्रदेश और बिहार के कार्यालयों में दौड़कर थक गए हैं। पटना में कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश से डेथ सर्टिफिकेट मिलेगा और यूपी से पटना में डेथ सर्टिफिकेट की बात कही जा रही है। मृतक श्याम सुंदर के बेटे हार्दिक केजरीवाल का कहना है कि सिस्टम ने उन्हें पूरी तरह से परेशान कर दिया है।
हार्दिक केजरीवाल का कहना है कि अपने ही देश में दो प्रदेशों के बीच इस तरह से मामला फंस गया है जैसे लग रहा है मामला दो देश के बीच का है -‘ऑनलाइन युग में जिस तरह से उन्हें डेथ सर्टिफिकेट के लिए परेशान किया जा रहा है, वह सिस्टम पर सवाल है। नगर निगम से लेकर अंचल कार्यालय की दौड़ लगाने के बाद भी मदद नहीं मिल रही है। कहीं कर्मचारी और अधिकारी के नहीं होने की बात कही जा रही है तो कहीं यूपी जाने की बात कही जा रही है’।
डेथ सर्टिफिकेट से फंस गया काम
श्याम सुंदर का बड़ा बिजनेस था और डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिलने से बैंक और GST से लेकर हर काम फंस गया है। बैंक में पैसा होने के बाद भी परिवार उसका कोई इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है। बिजनेस भी पूरी तरह से ठप पड़ा है क्योंकि कागज ही नहीं है। GST के साथ अन्य पेपर में अपडेट के लिए डेथ सर्टिफिकेट की डिमांड की जा रही है। परिवार वालों का कहना है कि इंश्योरेंस से लेकर बैंक और बिजनेस का पूरा काम पर एक डेथ सर्टिफिकेट के लिए अटका पड़ा है।