कानपुर में फर्जी जमानतदारों पर बड़ा खुलासा
112 गैंगस्टर, 32 हत्या, 16 रेपिस्ट की फर्जी दस्तावेजोंं पर हो गई जमानत, 30 हजार में हत्या और 35 हजार में बलात्कारी को दिलाते थे बेल
कानपुर में जेल में बंद अपराधियों के फर्जी जमानतदार तैयार कराकर उन्हें आसानी से रिहा करवाने वाले गिरोह को क्राइम ब्रांच ने पकड़ा है। गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्तार हुए हैं। इनमें एक वकील और दो मुंशी शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से बरामद दस्तावेजों की जांच की तो दंग रह गए। ये दो साल में अब तक 168 से ज्यादा अपराधियों को फर्जी जमानतदार मुहैया करवाकर जेल से छुड़वा चुके हैं। यह सभी हत्या, लूट, डकैती, रेप, गैंगस्टर समेत सभी अन्य गंभीर मामलों के अपराधी थे। जेल से छूटने के बाद अब शातिर अपराधी पुलिस को मिल नहीं रहे हैं।
जमानतदारों का फिक्स था रेट, रेप की जमानत 35 हजार में
क्राइम ब्रांच के डीसीपी सलमान ताज पाटिल ने बताया कि हत्या, रेप और गैंगस्टर समेत अन्य गंभीर अपराधों के अपराधियों की कोई जमानत लेने को तैयार नहीं होता है। इसे देखते हुए कानपुर कचहरी के अधिवक्ता ग्वालटोली के रहने वाले शील कुमार गुप्ता ने फर्जी जमानतदार ही तैयार करने का गैंग खड़ा कर दिया। एक ही व्यक्ति के अलग-अलग नाम-पते के दस्तावेज तैयार करके उन्हें कोर्ट में पेश कराकर गंभीर अपराध में फंसे बदमाशों को जमानत दिलाता था।
फर्जी जमानतदार बनने वालों 12 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आए हैं। हत्या में 30 हजार, रेप में 35 हजार, गैंगस्टर में 20 हजार रुपए में फर्जी जमानतदार उपलब्ध कराए जाते थे। अपराधी के कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर जमानतदार को नोटिस भेजा जाता तो पता चलता कि इस नाम का कोई व्यक्ति ही नहीं है। तब पता चलता कि जमानतदार फर्जी था।
क्राइमब्रांच ने कोर्ट से मिले इनपुट के आधार पर गैंग का खुलासा किया है। अधिवक्ता के पास बरामद दस्तावेजों की जांच की गई तो सामने आया कि अब तक 112 गैंगस्टर, 32 हत्या, 16 रेप और लूट-डकैती सैकड़ों अपराधियों को गिरोह ने फर्जी जमानतदार उपलब्ध करवाकर जेल से छुड़वा दिया है। जांच जारी है और फर्जी जमानतदारों को खड़ा करके जमानत लेने वाले अपराधियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया है।
एफआईआर दर्ज करने के साथ ही जमानत होगी कैंसिल
डीसीपी क्राइम ने बताया कि फर्जी जमानदार लगाकर जमानत पर जेल से बाहर आने वाले सभी अपराधियों की सूची तैयार की जा रही है। इन सभी की जमानत खारिज करके दोबारा जेल भेजा जाएगा। इसके साथ ही सभी के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने और धोखाधड़ी करने की रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। एक टीम फर्जी जमानदार पेश कराकर जमानत लेने वालों की सूची तैयार कर रही है।
बड़े वकीलों के सीधे संपर्क में था गैंग
डीसीपी क्राइम ने बताया कि यह गिरोह काफी समय से कचहरी में सक्रिय है और बड़े वकीलों के सीधे संपर्क में था। एक फोन पर वह वकीलों को बड़े से बड़े अपराधी के लिए फर्जी जमानतदार मुहैया कराता था। ग्वालटोली निवासी अधिवक्ता शील कुमार गुप्ता के साथ ही उसके गैंग में रायपुरवा निवासी सचिन कुमार सोनकर और कल्याणपुर निवासी संतोष सिंह भी शामिल था। सचिन और संतोष मुंशी का काम करते थे। जबकि औरैया निवासी वृंदावन और सुरेंद्र भी दबोचे गए हैं। जो फर्जी जमानतदार बनकर कोर्ट में हाजिर होते थे।
एक दर्जन जिलों के हार्डकोर अपराधियों को दिलाई जमानत
जांच में सामने आया है कि फर्जी जमानतदार मुहैया कराने वाले गिरोह चलाने वाले अधिवक्ता शील ने कानपुर ही नहीं उन्नाव, इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद, झांसी समेत एक दर्जन से ज्यादा जिलों के हार्डकोर अपराधियों को जमानत दिलवाई है। दरअसल, जमानत के लिए स्थायी जमानतदार होने का नियम है। ऐसे बंदियों के मामले में गैंग फर्जी जमानतदार और जमानत के फर्जी कागजात तैयार करके अपराधियों को जेल से छुड़वाता था।
90 फीसदी से ज्यादा मामलों में फर्जी जमानतदार आए तो खुला खेल
उन्नाव, औरैया समेत अन्य जिलों के मामले में 90 प्रतिशत तक फर्जी जमानतदार हाजिर हो रहे थे। तब जाकर कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया और पुलिस से इनपुट साझा किया। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने गैंग को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और गैंग को दबोच लिया। पूर्व में थाना कोतवाली में भी फर्जी जमानत करवाने वाले बिठूर के रहने वाले 61 लोगों को पुलिस जेल भेज चुकी है।
मिनटों में फर्जी दस्तावेज करते थे तैयार
जांच के दौरान गिरोह के पास से 21 आधार कार्ड, 3 आरसी, 4 लिफाफे जो न्यायालय द्वारा जारी किए गए गए थे, जमानत तस्दीक के लिए 3 वोटर आईडी, 2 निवास प्रमाण पत्र, 165 फोटो, 6 सील मुहर, 12 लेटर पैड, 2 स्टांप, 7 जामीनदार प्रपत्र, एक हिस्ट्री टिकट बरामद हुआ है। इनका इस्तेमाल करके फर्जी जमानतदार तैयार किए जा रहे थे।