Fact check:क्या गाय का मजाक उड़ाने के चलते अरेस्ट किए गए जर्नालिस्ट और कार्यकर्ता? जानें सच
नई दिल्ली,: एक समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में दो लोगों को यह कहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है कि गोमूत्र और गोबर से कोरोना वायरस ठीक नहीं होता है। मेल ऑनलाइन की रिपोर्ट में कहा गया है कि राजनेताओं की शिकायत के बाद दोनों को 45 दिनों से बंद रखा गया है। कार्यकर्ता इरेंद्रो लेचोम्बम और पत्रकार किशोरचंद्र को यह कहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था कि गाय का मलमूत्र कोरोना का इलाज नहीं कर सकता है।

इस इलाज का समर्थन करने वाले एक राजनीतिक सदस्य द्वारा पुलिस में शिकायत किए जाने के बाद उन्हें अनिश्चित काल के लिए जेल में डाल दिया गया है। सरकार ने कहा कि यह झूठा दावा है। प्रेस सूचना ब्यूरो ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट भ्रामक है और दोनों को विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए के तहत गिरफ्तार किया गया था
लीचोम्बम और पत्रकार किशोर चंद्र वांगखेम को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था। लीचोम्बम ने एक फेसबुक पोस्ट में बीजेपी के नेता के निधन के बाद लिखा था कि, ‘गोबर और गोमूत्र से कोरोना का इलाज नहीं होता है। विज्ञान से ही इलाज संभव है और यह कॉमन सेंस की बात है। प्रोफेसर जी RIP।
इस पोस्ट के बाद बीजेपी के नेताओं की शिकायत पर उन्हें और एक पत्रकार किशोर चंद्र वांगखेम को गिरफ्तार कर लिया गया था। इरेंद्रो की तरफ से कहा गया कि ये पोस्ट ऐसे तर्कों की आलोचना करना था जो गोमूत्र और गोबर से कोरोना के इलाज का दावा करते हैं। इस मामले में मणिपुर बीजेपी के उपाध्यक्ष उषाम देबान और महासचिव पी प्रेमानंदा मिताई की शिकायत पर पुलिस ने दोनों को 13 मई की रात को गिरफ्तार कर लिया।
दावा
भारत में दो लोगों को यह कहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है कि गोमूत्र और गोबर से कोरोना वायरस ठीक नहीं होता है।
नतीजा
सरकार ने कहा कि यह झूठा दावा है। प्रेस सूचना ब्यूरो ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट भ्रामक है और दोनों को विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।