कट्टरपंथी नेता की रिहाई को लेकर हिंसा:इमरान सरकार ने घुटने टेके,
पर कट्टरपंथी फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन के लिए अड़े
कट्टरपंथी साद रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर समर्थक लाहौर के बाहर जमा हैं।
पाकिस्तान में प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) की ओर से धार्मिक नेता की रिहाई की मांग को लेकर हिंसा जारी है। प्रदर्शनकारी लाहौर से लगभग 20 किमी उत्तर में मुरीदके शहर के पास मुख्य राजमार्ग पर डटे हुए हैं। हिंसक प्रदर्शन में दो प्रदर्शनकारियों और दो पुलिसकर्मियों की जान चली गई।
इस बीच, टीएलपी से बातचीत में इमरान खान सरकार झुक गई। सरकार की ओर से वार्ताकारों में शामिल पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने बताया कि हमारी टीएलपी के साथ बातचीत सकारात्मक ढंग से बढ़ रही है। गृहमंत्री ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन ने फ्रांसीसी रातदूत के निष्कासन समेत तीन प्रमुख मांगें रखी थीं। गृहमंत्री ने कहा कि सरकार ने टीएलपी की सभी प्रमुख मांगों को स्वीकार कर लिया है। हालांकि फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की मांग मानने का सवाल ही नहीं है। हम इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं।
‘TLP नेतृत्व के साथ बातचीत जारी रखेंगे’
गृहमंत्री ने कहा कि हम टीएलपी नेतृत्व के साथ बातचीत जारी रखेंगे और हमें उम्मीद है कि वे अपना विरोध शांतिपूर्वक समाप्त कर देंगे। दूसरी ओर, टीएलपी वार्ता समिति के सदस्य मुफ्ती उमर अल-अजहरी ने दैनिक भास्कर से कहा कि गृहमंत्री ने हमें आश्वासन दिया कि वह प्रधानमंत्री के समक्ष फ्रांसीसी राजदूत के निष्कासन के बारे में अपनी मांग रखेंगे।
अगर सरकार राजदूत को निष्कासित करने के अपने वादे को पूरा नहीं करती है, तो टीएलपी बुधवार को तय कार्यक्रम के हिसाब से इस्लामाबाद में मार्च निकालेगी। हम अपने नेता साद रिजवी की रिहाई चाहते हैं। बता दें कि ताजा हिंसा बीते हफ्ते तब शुरू हुई, जब टीएलपी ने नेता रिजवी की रिहाई की मांग को लेकर इस्लामाबाद की ओर मार्च निकाला था। यह मार्च इतना हिंसक हो गया था कि पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी। पुलिस ने सैकड़ों टीएलपी समर्थकों और नेताओं को गिरफ्तार भी किया।
पैगंबर के अपमान को लेकर भड़की हिंसा में कट्टरपंथी नेता की गिरफ्तारी हुई
टीएलपी लगातार रिजवी की रिहाई की मांग कर रहा है, जो लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है। रिजवी को अप्रैल में तब हिरासत में लिया गया था, जब उन्होंने सरकार को धमकी दी थी कि अगर पैगंबर साहब के चित्र बनाने के मुद्दे पर फ्रांस के राजदूत को देश से नहीं निकाला गया तो देश में प्रदर्शन होंगे, क्योंकि यह ईशनिंदा है।
इसके बाद उनके नेतृत्व में प्रदर्शन हुए थे। रिजवी की पार्टी चाहती है कि सरकार फ्रांस के सामान का बहिष्कार करे। इस महीने की शुरुआत में ही लाहौर हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि रिजवी को रिहा किया जाए। अदालत का कहना था कि प्रशासन के पास इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं है कि रिजवी आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं। हालांकि इसके बावजूद रिजवी हिरासत में रखे गए।
इमरान सरकार के नरम रुख से पंजाब की पुलिस खफा
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस टीएलपी के प्रति नरम रुख अपनाने पर संघीय सरकार से खफा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इमरान खान सरकार की ओर से टीएलपी के 350 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को रिहा करने और अन्य के खिलाफ मामले वापस लेने संबंधी घोषणा का पुलिस ने विरोध किया है। इससे पहले, प्रधानमंत्री इमरान खान के आवास पर हिंसा और प्रदर्शन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और खुफिया प्रमुख फैज हमीद, संघीय मंत्री शाकिख रशीद अहमद और सेना के अन्य उच्च अधिकारी भी शामिल हुए।
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