बढ़ता कोलेस्ट्रोल घटा सकता है आपकी दिमागी क्षमता, जानिए !
रिपोर्ट – चेतन कुमार
शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने की शुरुआत के साथ ही कई बीमारियों की भी शुरुआत होने लगती है। अगर सही समय पर इसे नियंत्रण में न लाया जाये, तो बढ़ते कोलेस्ट्रॉल से मोटापा बढ़ता है जिससे शरीर बीमारियों का घर बनने लगता है। लम्बे समय तक शरीर में कोलेस्ट्रॉल ज़्यादा रहने से यह नसों में जमा होने लगता है। दिमाग की नसों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से अल्जाइमर जैसे रोग होने का खतरा बढ़ता है।
शोधकर्ताओं ने एक शोध से स्मरणशक्ति में कमी का हृदय रोग के साथ आनुवंशिक संबंधों का पता लगाया है। शोध के लिए 15 लाख लोगों के डीएनए की जांच की गई। स्टडी के अनुसार, हृदय रोग होने (ट्राइग्लिसराइड) और कोलेस्ट्राल(एचडीएल, एलडीएल और कुल कोलेस्ट्राल) स्तर के बढ़ने से इंसान में अल्जाइमर होने की संभावना बढ़ती है। इसके साथ ही शोध में पाया गया कि हृदय रोग में कारक DNA का वही अंश अल्जाइमर के खतरे को भी बढ़ाता है।
वॉशिंगटन यूनिवसिर्टी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर सेलेस्टे एम. कार्च के अनुसार, “जो जीन(genes) लिपिड मेटाबालिज्म पर प्रभाव डालता है, उसका संबंध अल्जाइमर रोग बढ़ाने के कारक के रूप में पाया गया है।” वहीँ, उनके सहकर्मी राहुल एस. देसिकन ने बताया कि ‘सही जीन और प्रोटीन को लक्षित कर कोलेस्ट्राल एवं ट्राइग्लिसराइड को नियंत्रण में रखने पर अल्जाइमर की संभावना को कम किया जा सकता है।’