कभी राज्यमंत्री थी, आज बकरियां पालकर जीवन काट रही है ये आदिवासी महिला
भारत मे जहां एक तरफ सत्ता में कभी अधिकारी या मंत्री रहे नेता अपने कार्यकाल के बाद भी सरकारी बंगले और सुविधाएं छोड़ने का नाम नही लेते, वहीं दूसरी तरफ जुली हैं जो अपने कार्यकाल के बाद से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने को मजबूर हैं ।
मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की एक आदिवासी महिला जुली आज बकरियां पालकर गुजर बसर कर रही है । 2005 में इसी आदिवासी महिला को शासन की ओर से राज्य मंत्री का भी दर्जा भी प्राप्त था । राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त कर सरकारी सुविधाओं का आनंद उठा चुकी जुली का कहना है कि उन्होंने रहने के लिए इंदिरा आवास कुटीर की मांग की थी, जो उन्हें स्वीकृत तो हुई लेकिन भ्रष्टाचार के कारण कभी मिली नहीं । दरअसल, राज्यमंत्री बनने से पहले भी जूली मजदूरी ही करती थी । वर्ष 2005 में पूर्व विधायक और जिले के कद्दावर नेता रामसिंह यादव ने जूली को जिला पंचायत सदस्य बनाया था और फिर क्षेत्र के एक अन्य पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने जूली को जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचाया । इसके बाद पांच साल तक वे राज्यमंत्री बनी रहीं| कभी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी जुली अब बदरवास जनपद पंचायत के ग्राम रामपुरी की लुहारपुरा बस्ती में गरीबी रेखा के नीचे रहने को मजबूर हैं ।
ढाई हजार रुपये प्रतिमाह आय
कभी लाल बत्ती में घूमने वाली जुली आज के समय में बेघर हैं। घर के नाम पर जुली के पास एक कच्ची कुटिया है जिसमे वो अपने परिवार के साथ रहती हैं ।अपने बच्चों का पेट भरने के लिए उन्हें मजदूरी और बकरियां चराने का काम करना पड़ता है । वो बताती हैं कि अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए वो इन दिनों गांव की 50 से अधिक बकरियों को चराने का काम कर रही हैं । उन्होंने बताया कि प्रतिमाह उन्हें 50 रुपए प्रति बकरी को चराने के लिए मिलते हैं, यानी तकरीबन ढाई हजार रुपये प्रतिमाह उनकी औसत आय है । वे आगे बताती हैं कि मजदूरी के लिए उन्हें गुजरात सहित अन्य प्रदेशों में भी जाना पड़ता है । कभी सरकारी सुविधाओं को भोग चुकी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुली को जहां एक कच्ची कुटिया में रहना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें सरकार की तरफ से कुछ भी प्रदान नही है, वहीं आज के समय में कुछ मंत्री निजी सम्पत्ति से सम्पन्न होने के बावजूद सरकारी आवास और सुविधाओं का गैर-कानूनी रूप से इस्तमाल कर रहे हैं । गौरतलब है कि उत्तराखण्ड के कुछ विधायकों पर अपने कार्यकाल खत्म होने के बाद भी सरकारी आवास और सुविधाओं का फायदा उठाने का मामला दर्ज है ।
राजकुमार यादव की रिपोर्ट