पूर्व सैनिक ने एसडीएम पर लगाया गंभीर आरोप, कोर्ट के स्टे के बाद भी विवादित जमीन में खुलवा दिया रास्ता
भारत की सीमाओं पर देश की रक्षा के लिए अपनी प्राणों की आहुति देने वाले सेना के वीर जवान जब अपने परिवार से संबंधित कोई परेशानी या फरियाद लेकर जब थाने या तहसील जाते हैं तो इस सेना के जवानों को यह सरकारी सिस्टम खूब चक्करें लगवाता है। यहीं नहीं तहसील के अधिकारी सहित थाने के पुलिस कर्मी इन सेना के जवानों की फरियाद सुनने की बजाए इन्हें बाहर भगा देता । ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे जिसके बाद आप भी अपने बच्चों को देश की शरहद पर इस देश की रक्षा करने के लिए नहीं भेजेंगे ।
सेना से रिटायर्ड जवान के साथ पुलिस ने की अभद्रता
बता दे कि कोपागंज थाना क्षेत्र के खुखुंदवा ग्राम के रहने वाले दयाशंकर राय जो कि सेना से रिटायर्ड है साथ पैरालाइसिस भी है । दयाशंकर राय का आरोप है कि उनकी जमीन का जिला न्यायालय से स्टे होने के बाद भी सदर एस डी एम निरंकार सिंह एवं कोपागंज थाने की पुलिस ने 19 नवम्बर को दयाशंकर सिंह को 151 में चालान कर एवं सदर एस डी एम निरंकार सिंह द्वारा दयाशंकर राय के परिवार वालों को बुरी तरह मार पीट कर उनके ही जमीन से उनके पड़ोस में रहने वाले विपक्षियों वे आने जाने के लिए रास्ते के रूप में जबरदस्ती चकमार्ग मिकलवाया गया । तत्कालीन सदर एस डी एम निरंकार सिंह ने पद का दुरुपयोग करते हुए दयाशंकर राय के परिजनों के साथ अभद्रता की वहीं घंटों बैठकर विवादित जमीन में चकमार्ग का निर्माण करवाते रहे। अब रिटायर्ड सेना के सिपाही दयाशंकर राय न्याय के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे हैं। वहीं इस मामले पर सदर एस डी एम निरंकार सिंह कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
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इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के नाम से संबोधित ज्ञापन देने जब दयाशंकर राय कलेक्ट्रेट के अपर उप जिलाधिकारी आशुतोष राय के पास पहुचें और मीडिया ने उनके साथ हुए अमानवीय व्यवहार की जानकारी ली तो धयशंकर राय फफक कर रो पड़े और रोते रोते अपनी व्यथा सुनाई। अब देखना ये होगा कि मीडिया में यह खबर दिखाए जाने के बाद प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार क्या रुख इख्तियार करती है ।