PAK में नया ड्रामा:पूर्व PM यूसुफ रजा गिलानी को फ्लाइट में बैठने से रोका;
एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में है गिलानी का नाम
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को इस्लामाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फ्लाइट में बैठने से रोक दिया गया। गिलानी बुधवार को इटैलियन एयरलाइंस की फ्लाइट से रवाना होने वाले थे। यहां उन्हें एक पार्लियामेंट्री डिस्कशन कॉन्फ्रेंस में शिरकत करना था।
पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिलानी और उनके दो बेटों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इसी आधार पर उन्हें 2013 में एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में रखा गया था। गिलानी 2008 से 2012 तक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की सरकार में प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी नाराज
गिलानी के साथ पाकिस्तान के कुछ सांसद और दूसरे नेता इटली जा रहे थे। बाकी सभी को जाने दिया गया, लेकिन गिलानी को फ्लाइट में बोर्ड नहीं करने दिया गया। PPP सांसद और पूर्व डिप्लोमैट शेरी रहमान ने इमरान सरकार द्वारा गिलानी को रोके जाने पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा- पूर्व प्रधानमंत्री इंटर पार्लियामेंट्री यूनियन में हिस्सा लेने जा रहे थे, वो किसी बिजनेस ट्रिप पर नहीं थे। एक पूर्व पीएम के साथ इस तरह का बर्ताव मुल्क की बदनामी कराता है।
क्यों रोका गया गिलानी को
पाकिस्तान में बाकी देशों की तरह एग्जिट कंट्रोल लिस्ट है। इसमें उन लोगों को रखा जाता है जिन्हें मुल्क छोड़कर जाने की आजादी नहीं है। इस लिस्ट में उन लोगों को रखा जाता है जो किसी न किसी गंभीर अपराध में शामिल होते हैं और जिनके बारे में ये माना जाता है कि अगर इन्होंने देश छोड़ा तो फिर ये कानून का सामना करने के लिए वापस नहीं आएंगे।
हालांकि, नवाज शरीफ समेत कुछ अपवाद भी हैं। नवाज को मेडिकल ग्राउंड्स पर ब्रिटेन जाने की मंजूरी दी गई थी। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी और इमरान सरकार ने इसका अदालत में विरोध नहीं किया था।
कोर्ट की वजह से गई थी कुर्सी
गिलानी 2008 से 2012 तक प्रधानमंत्री रहे। इस दौरान आसिफ अली जरदारी पर भ्रष्टाचार का मुकद्मा चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों के बाद भी गिलानी ने जरदारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, क्योंकि वो उनकी पार्टी के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति थे। सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवमानना करार दिया और गिलानी को पद छोड़ना पड़ा।
इसके बाद खुद गिलानी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। गिलानी के साथ उनके बेटों को भी गिरफ्तार किया गया। बाद में जमानत मिल गई। गिलानी को एक बेटे को तालिबान ने अगवा करने के बाद कई महीनों तक अपने पास रखा था। बाद में अमेरिकी फौज ने उन्हें रिहा कराया था।
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