कोर्ट से लेकर जनता तक सब जानना चाहते है योगी क्यो लॉकडाउन नही लगाना चाहते
कोर्ट से लेकर जनता तक और सोशल मीडिया से लेकर नेता तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह कह चुके हैं कि एक बार लॉकडाउन लगाने के फैसले पर विचार कीजिए मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जाने क्यों लॉकडाउन के फैसले सिरे से खारिज कर देते हैं उनके अधिकारी और जिम्मेदार मंत्रियों का कहना है कि सबकुछ कंट्रोल फिलहाल एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन लगाने के फैसले पर मुख्यमंत्री को विचार करने के लिए कहा गया है और इस बार किसी और ने नहीं बल्कि हाईकोर्ट ने कहा है वह भी हाथ जोड़कर
उत्तर प्रदेश में कोरोना का प्रकोप फैलता जा रहा हैं, कुछ दिन पहले भी हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से 5 बड़े शहरों में जहां पर कोरोना संक्रमण ज़्यादा है वहां पर लॉकडाउन लगाने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने कोर्ट के आदेशों की खिलाफत कर लॉकडाउन लगाने से साफ इनकार कर दिया था और फिर इस मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची थी.
अब एक बार फिर से हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से हाथ जोड़कर विनती करते हुए 2 हफ्ते का लॉकडाउन लगाने की बात कही है, हाईकोर्ट ने कहा कि लगातार संसाधनों की कमी हो रही है ऐसे में लॉकडाउन लगाना जरूरी है.
अब देखना यह होगा कि क्या उत्तर प्रदेश के उन बड़े शहरों में लॉकडाउन लगेगा जहां पर कोरोना का संक्रमण ज्यादा है या फिर एक बार फिर से उत्तर प्रदेश सरकार लॉकडाउन लगाने से मना कर देगी फिलहाल इसका फैसला तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को करना है
अगर पिछली बार हाईकोर्ट के आदेश की बात करें तो कोरोना संक्रमण से बिगड़े हालात पर हाईकोर्ट और उत्तर प्रदेश सरकार आमने-सामने थे,इलाहाबाद हाइकोर्ट ने प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर और गोरखपुर में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था। साथ ही पूरे प्रदेश में 15 दिनों तक लॉकडाउन लगाने पर विचार करने को कहा था। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 संग बैठक में लॉकडाउन की संभावनाओं से इनकार करते हुए टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट बढ़ाने के निर्देश दिये थे,हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसीएस सूचना नवनीत सहगल पूर्ण रूप से तालाबंदी से इनकार कर दिया।
एसीएस सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं। कोरोना के नियंत्रण के लिए और सख्ती आवश्यक है। सरकार ने कई कदम उठाए है, आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है। इसलिए शहरों में समपूर्ण लॉक डाउन अभी नहीं लगेगा, लोग स्वतः स्फूर्ति से भाव से कई जगह बंदी कर रहे हैं
कुल मिलाकर अभी तक यह निष्कर्ष नहीं निकल पाया है कि आखिर उत्तर प्रदेश सरकार किस तरीके से बिगड़ती हुई स्थिति को संभाल पाएगी और ऑक्सीजन अस्पताल में बेड वेंटीलेटर जैसी तमाम प्राथमिक सुविधाओं को कब तक पूरा कर पाएगी फिलहाल इस पर सरकार के कागजी जिद्दा में हैं मगर जमीनी हकीकत थी उससे उलट है, शायद इसी से मजबूर होकर अब हाईकोर्ट को भी सरकार के सामने हाथ जोड़कर लॉक डाउन लगाने के लिए कहना पड़ा।