“भारत-बांग्लादेश के रिश्तों के हर प्रतीक को मिटाया जा रहा है”: शशि थरूर

उन्होंने आरोप लगाया है कि दोनों देशों के बीच सदियों पुराने और महत्वपूर्ण संबंधों को दिखाने वाले प्रतीकों को जानबूझकर नष्ट किया जा रहा है।

शशि थरूर ने भारत और बांग्लादेश के रिश्तों के प्रतीकों के साथ हो रहे अन्याय पर चिंता जताई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री शशि थरूर ने हाल ही में भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों के प्रतीकों के खिलाफ चल रही गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि दोनों देशों के बीच सदियों पुराने और महत्वपूर्ण संबंधों को दिखाने वाले प्रतीकों को जानबूझकर नष्ट किया जा रहा है।

थरूर ने अपने एक बयान में कहा, “भारत और बांग्लादेश के बीच जो भी साझेदारी, सहयोग और संबंधों के प्रतीक हैं, उन्हें जानबूझकर मिटाया जा रहा है। यह हमारे साझा इतिहास, संस्कृति और परंपराओं का अपमान है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ तत्व इन प्रतीकों को नष्ट करके दोनों देशों के बीच की मजबूत दोस्ती और समझ को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

उनके अनुसार, यह कदम न केवल भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों को प्रभावित करता है, बल्कि यह दो देशों की जनता के बीच समझ और सहयोग की भावना को भी नुकसान पहुंचाता है। थरूर ने सरकार से अपील की कि वे इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि दोनों देशों के रिश्तों के प्रतीकों का सम्मान और संरक्षण किया जाए।

उन्होंने आगे कहा, “हमें अपने रिश्तों की नींव को मजबूत करना चाहिए और किसी भी ऐसे कदम का विरोध करना चाहिए जो हमारे साझा इतिहास और संबंधों को कमजोर करने की कोशिश करता हो।” थरूर का यह बयान भारत और बांग्लादेश के बीच के रिश्तों की अहमियत को एक बार फिर से उजागर करता है और इन रिश्तों के संरक्षण की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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