खतरनाक कैंसर: हर 7 मिनट में एक महिला की मौत, जागरूकता के लिए रखें इन बातों का ध्यान
सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) के लगातार बढ़ने वाले इंफेक्शन के कारण होता है। HIV संक्रमण से पीड़ित महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा छह गुना ज्यादा होता है।
महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा लगातार बढ़ रहा है। गुजरात कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार, देश में हर 7 मिनट में एक महिला इस कैंसर (Cervical Cancer) की शिकार बन रही है। सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। भारत की महिलाओं में यह दूसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला कैंसर है।
भारत में सर्वाइकल कैंसर बढ़ने के कारण
- कमजोर इम्यून सिस्टम
- HIV और यौन रोग
- कई बच्चों को एक साथ जन्म देना
- अर्ली प्रेगनेंसी
- हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल
- धूम्रपान
भारत में सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की संख्या
2023 में, भारत में 123,000 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित थीं, जिनमें से 80,000 महिलाओं की मौत हो गई। भारत दुनिया का पांचवां देश है जहां सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर के मरीज हैं, और इससे होने वाली मौतों की संख्या सबसे ज्यादा है।
सर्वाइकल कैंसर का खतरा और बचाव
सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) के लगातार बढ़ने वाले इंफेक्शन के कारण होता है। HIV संक्रमण से पीड़ित महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खतरा छह गुना ज्यादा होता है। अर्ली स्टेज पर सर्वाइकल कैंसर की पहचान और नियमित जांच से इस बीमारी का इलाज संभव है। समय पर वैक्सीन लगवाकर भी लड़कियों को इसके खतरों से बचाया जा सकता है।
सर्वाइकल कैंसर का खतरा कब बढ़ता है
- अनियमित ब्लीडिंग और पीरियड के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग या इंटरकोर्स के बाद ब्लीडिंग को नजरअंदाज करना।
- इंटरकोर्स के दौरान दर्द को अनदेखा करना।
- अचानक से शरीर का वजन बढ़ना या घटना।
- बार-बार यूरिन आना और यूरिन करते समय जलन या दर्द होना।
सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के उपाय
नियमित जांच से कैंसर से पहले के बदलावों या शुरुआती चरण के कैंसर का पता लगाया जा सकता है, जिससे समय पर उपचार संभव हो सकता है। पैप टेस्ट (पैप स्मीयर) असामान्य सर्वाइकल कैंसर सेल्स का पता लगाता है और एचपीवी परीक्षण उच्च जोखिम वाले एचपीवी उपभेदों की उपस्थिति का पता लगाता है।
सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने के लिए जागरूकता और समय पर जांच बहुत महत्वपूर्ण हैं। महिलाओं को इन उपायों का ध्यान रखना चाहिए और नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य की जांच करवानी चाहिए।