गौरैया चिड़िया का सबसे बड़ा संरक्षक बना इटावा

गौरैया चिड़िया भले ही देश दुनिया से गायब नजर आ रही हो लेकिन उत्तर प्रदेश के इटावा में घर घर मे गौरैया की मौजूदगी ने हर किसी को बेहद खुश कर दिया है।

ऐसा कहा जा रहा है कि गौरैया चिड़िया को लेकर हर ओर उनके संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने की पहल का व्यापक असर कही अगर देखना है तो फिर इटावा आना पड़ेगा ।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय सोसायटी फार कंजर्वेशन आफ नेचर के महासचिव डा.राजीव चैहान ने सर्वेक्षण रिर्पोट का हवाला देते हुए बताया कि गौरैया के संरक्षण की दिशा में चलाए जा रहे अभियान के क्रम में इटावा के लोगों ने अपने अपने घरों में कृत्रिम घोसले लगा रखे हैं और उन घोसलों में गौरैया चिड़िया अंडे देती है उसके बाद बच्चे बाहर आते है।

इन छोटे-छोटे बच्चों को देखकर के लोग ना केवल खुश होते बल्कि संरक्षक की भूमिका भी अदा करने में लगे हुए हैं।

ऐसा नहीं है कि केवल एक या दो घरों मे ही गौरैया चिड़िया के बच्चे पल रहे हो । करीब 2 सैकडो के आसपास ऐसे घर सामने आये है पूर्व के चित्र में गौरैया चिड़िया ने अंडे दिए उसके बाद उनमे कइयो बच्चे देखे जा रहे है। छोटे-छोटे मासूम बच्चों के चाहचाहट लोगों को खुश भी कर रही है। आगे आने वाला समय गौरैया चिड़िया के प्रजनन काल का है तो ज्यादातर घरों में यह देखी जाने लगी है।

इटावा के आवास विकास कॉलोनी मे रहने वाली माधवी बताती है कि पांच साल पहले उनको गौरैया चिडिया के संरक्षण के लिए घोसला मिला था जिसके बाद उनके घर पर गौरैया आना शुरू हो गई और उन्होने अंडे भी दिये और उनके बच्चे होने लगे । ऐसा लगातार चल रहा है ।

इसी तरह फ्रैंडस कॉलोनी इलाके के एडवोकेट विक्रम सिंह भी जिनके घर पर पिछले पांच सालो से गौरैया चिडिया अपना खुद वा खुद ना केवल घोसला बनाती है बल्कि अंडे देती है जिनके छोटे छोटे बच्चे गौरैया चिडिया की संख्या मे इजाफा करते है ।

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