ENTERTAINMENT : “मिथुन की ‘पानौती’ छवि को तोड़ा ज़ीनत ने”
मिथुन चक्रवर्ती ने एक बार खुलासा किया था कि उनके गहरे रंग की त्वचा के कारण कई अभिनेत्री उनके साथ काम करने से इनकार कर देती थीं।

मिथुन चक्रवर्ती ने एक बार खुलासा किया था कि उनके गहरे रंग की त्वचा के कारण कई अभिनेत्री उनके साथ काम करने से इनकार कर देती थीं। इस बयान के बाद, ज़ीनत अमान ने सामने आकर मिथुन की ‘पानौती’ की छवि को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मिथुन चक्रवर्ती ने बताया कि उनके करियर के शुरुआती दिनों में, उनके गहरे रंग के कारण फिल्म इंडस्ट्री में कई लोगों ने उन्हें दरकिनार कर दिया। वे बताते हैं कि कई अभिनेत्रियों ने उनके साथ काम करने से मना कर दिया, जिससे उन्हें बहुत निराशा और आत्म-संकोच का सामना करना पड़ा। यह स्थिति उनके लिए बेहद कठिन थी, लेकिन उन्होंने अपने संघर्ष और मेहनत से कभी हार नहीं मानी।
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जब ज़ीनत अमान ने मिथुन के बयान को सुना, तो उन्होंने इस सामाजिक पूर्वाग्रह के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। ज़ीनत अमान ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ फिल्म ‘सत्ते पे सत्ता’ में काम किया, जो एक बड़ी हिट साबित हुई। इस फिल्म में उनके साथ काम करके, ज़ीनत ने साबित कर दिया कि मिथुन की प्रतिभा और काम की गुणवत्ता उनकी त्वचा के रंग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं।
ज़ीनत अमान ने कहा कि मिथुन चक्रवर्ती एक अद्वितीय अभिनेता हैं और उनके गहरे रंग की त्वचा उनके काबिलियत और मेहनत की कोई बात नहीं करती। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मिथुन की प्रतिभा और उनके साथ काम करने का अनुभव बहुत सकारात्मक था। इस तरह, ज़ीनत अमान ने मिथुन की ‘पानौती’ की छवि को नकारते हुए उन्हें एक नई पहचान दिलाने में मदद की।
यह कहानी दिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति के रंग या बाहरी रूप के आधार पर उनके मूल्य को आंकना पूरी तरह गलत है और कैसे ज़ीनत अमान ने मिथुन चक्रवर्ती के प्रति अपने समर्थन से इस सामाजिक पूर्वाग्रह को चुनौती दी।