निजीकरण के विरोध में विद्युतकर्मियों ने मशाल जुलूस निकाला
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बांदा।पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को तीन टुकड़ों में विभाजित कर सम्पूर्ण विद्युत वितरण का निजीकरण करने के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव के विरोध में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश द्वारा चलाए जा रहे ध्यानाकर्षण अभियान के तहत बांदा में भी बिजली कर्मचारी जूनियर इंजीनियर लगातार प्रदर्शन करते आ रहे हैं और आज उन्होंने मशाल जुलूस निकालकर विरोध व्यक्त किया।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किए जाने की दशा में निगम में कार्यरत कार्मिकों की सेवा शर्त बुरी तरह प्रभावित होगी। जिससे उनके भविष्य पर बुरा असर पड़ने के साथ-साथ उनका आर्थिक, मानसिक एवं सामाजिक शोषण होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जो विद्युत सुधार अधिनियम-1999एवं विद्युत अधिनियम-2003 के आर्टिकल-27(7) में उल्लिखित व्यवस्थाओं का उल्लंघन होने के साथ ही वर्ष-2000 में तत्कालीन उप्ररावि परिषद विघटन के समय उत्तर प्रदेश सरकार ऊर्जा प्रबन्धन एवं विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश के साथ लिखित समझौते की राज्य विद्युत परिषद के विघटन के पश्चात् कार्मिकों की सेवा शर्तें कदापि कमतर नहीं होंगी, का खुला उल्लंघन होगा। वक्ताओं ने कहा कि निजीकरण किसी भी प्रकार जनहित में नहीं है। इसे तत्काल वापस लिया जाए। साथ ही कोविड-19 महामारी के बीच प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाए रखने वाले बिजली कर्मचारियों पर सरकार भरोसा रखकर सुधार के कार्यक्रम चलाए। जिससे हम सदा की तरह पूर्ण सहयोग करते रहेंगे।