महाराष्ट्र के बाद अब बिहार के इन पेड़ों को है खतरा!
जहाँ एक तरफ केंद्र सरकार देशभर में पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण की बात कह रही है, वहीँ बिहार (Bihar) में इसका खनन किया जा रहा है। बिहार के मुज़फ्फरपुर इलाके में बिजली विभाग पेड़ काटकर बिजली का कनेक्शन देने की तैयारी कर रहा है। बिजली कनेक्शन देने के लिए बिजली विभाग ने सैंकड़ो पेड़ो को क्षतिग्रस्त कर दिया है। ग्रामीण अब पड़े काटने के दोषियों के खिलाफ हत्या जैसा अपराध मान कर इसपर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मुजफ्फरपुर के मुशहरी प्रखंड स्थित मणिका विशनपुर चांद पंचायत में नौ साल पहले मनरेगा के तहत हजारों पेड़ लगाए गए थे। मणिका विशनपुर चांद से विशनपुर मनोहर जाने वाली पक्की सड़क के दोनों किनारे लगे पेड़ अब काफी बड़े हो गए हैं। लेकिन बिजली विभाग ने बिजली देने के नाम पर इन पेड़ों को काटना शुरू कर दिया है। जिसकी वजह से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। ग्रामीण पेड़ काटने को हत्या के बराबर अपराध बताकर कारवाई की मांग कर रहे हैं। मणिका विशनपुर चांद के मुखिया अरविंद कुमार सिंह और ग्रामीण दिग्विजय पाठक ने बताया कि बिजली विभाग को दोषी अधिकारियों पर कारवाई होनी चाहिए।
पुरानी कामचोरी पर डाल रहे हैं पेड़ों का पर्दा
गौरतलब है कि गांव में 14 साल पहले लघु सिंचाई विभाग के बंद पड़े नलकूप को लेकर लघु सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव के.के पाठक ने सूबे के सभी बंद पड़े नलकूपों तक बिजली कनेक्शन देने का निर्देश दिया है। इसी के तहत आनन-फानन में बिजली विभाग ने जल्द से जल्द पुराने जर्जर तार और पोल को बदलते हुए नलकूप तक बिजली देने की कोशिश में, रास्ते में आए कई स्वस्थ पेड़ों को चार से पांच फीट तक की ऊंचाई से काट दिया गया है। नौ साल पुराने इन पेड़ों के काटे अवशेषों को बिना ग्रामीणों की नज़र में आए बिजली विभाग के लोग कई गाड़ियों पर लेकर चले गए हैं।
बता दें कि वर्ष 2005 में लघु सिंचाई विभाग ने मणिका विशनपुर चांद गांव में सिंचाई के लिए नलकूप लगाया था। लेकिन नलकूप चालू होते ही बंद हो गया। किसानों को एक भी दिन खेतों में नलकूप से सिंचाई का लाभ नहीं मिला। इस बीच नलकूप के लिए लगाये गये दो ट्रांसफॉर्मरों में से एक चोरी हो गया। किसानों के अनुसार नलकूप चालू करने के लिए बिजली विभाग ने खराब गुणवत्ता वाली बिजली के तार को लगाया था जिसके कारण कभी नलकूप चालू ही नहीं हुआ।
पेड़ों पर आश्वासन, कार्यवाही पर चुप्पी
वहीँ इस मामले को लेकर बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार ने आश्वासन दिलाया है कि नलकूप चालू करने के लिए कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा। इसके साथ ही एलटी तार लगाकर नलकूप को चालू किया जाएगा। कार्यपालक अभियंता इन आश्वासनों के बावजूद पेड़ काटने के दोषियों पर कार्रवाई की बात पर चुप है। अब ऐसे में सवाल है कि जहाँ एक तरफ बिहार में पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति को संभालने के लिए शनिवार से जल-जीवन-हरियाली मिशन की शुरुआत हो रही है, वहीँ दूसरी तरफ ये पेड़ काटे जा रहे हैं।