सिक्किम के मुख्यमंत्री को चुनाव आयोग ने दी बड़ी राहत, 6 साल का प्रतिबंध हुआ बेहद कम
भारत निर्वाचन आयोग ने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के ऊपर लगे चुनावी प्रतिबंध को घटा दिया है। जनप्रतिनिधि कानून की धारा-11 के तहत चुनाव आयोग ने रविवार को तमांग के ऊपर लगे छह साल के प्रतिबंध को घटाकर एक साल और एक महीने कर दिया। चुनाव आयोग के इस फैसले से सिक्किम के मुख्यमंत्री तमांग आगामी चुनाव में खड़े हो सकेंगे। उल्लेखनीय है कि इस साल बीजेपी ने सिक्किम विधानसभा चुनाव में तीन विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ एसकेएम के साथ गठबंधन किया है। बीजेपी अमूमन सिक्किम विधानसभा में खाता भी नहीं खोल पाती।
सरकारी धन में अनियमितता करने के दोषी हैं तमांग
दरअसल प्रेम तमांग ने चुनाव आयोग से उनकी चुनाव अयोग्यता की अवधि को ख़त्म करने की गुहार लगाई थी। ऐसे में चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधि कानून की धारा-11 के तहत मुख्यमंत्री तमांग की चुनाव लड़ने की अयोग्यता की अवधि को कम कर दिया है। निर्वाचन आयोग ने छह साल के चुनावी प्रतिबंध को घटाकर एक साल और एक महीने कर दिया है। इस फैसले के साथ ही 10 सितंबर को उनकी अयोग्यता अवधि समाप्त हो गई। अब सिक्किम के मुख्यमंत्री तमांग के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। तमांग अभी सिक्किम विधानसभा के सदस्य नहीं हैं। भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी होने की वजह से उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगी थी। 1990 में उन्हें पशुपालन विभाग की गाय बांटने की योजना में सरकारी धन में अनियमितता करने का दोषी पाया गया था।
अन्यथा चुनाव नहीं लड़ सकते थे तमांग
गौरतलब है कि तमांग की अर्जी खारिज होने पर उन्हें सिक्किम के मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ता। क्योंकि बिना विधानसभा सदस्य रहे कोई 6 महीने से ज्यादा वक्त तक सीएम नहीं रह सकता है। तमांग की सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी ने अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। 27 मई को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लेकिन अयोग्यता के कारण चुनाव नहीं लड़ सके। बता दें कि चुनाव आयोग ने तमांग को अयोग्य करार देते हुए छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। यह रोक 10 अगस्त 2018 को जेल की सजा पूरी होने के साथ शुरू हुई थी और यह 10 अगस्त 2024 तक प्रभावी रहती। सिक्की की तीन विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को चुनाव होंगे।