देश की संस्कृति एवं प्राचीन स्मारकों को संरक्षित करने का हो प्रयास-गहलोत
जयपुर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि देश की समृद्ध संस्कृति, प्राचीन स्मारकों और ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने का हमारा प्रयास होना चाहिए।
गहलोत आज विश्व धरोहर दिवस पर अपनी शुभकामनाएं देेते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजस्थान अपनी परंपराओं, किलों और पूजा स्थलों के साथ भारत की सांस्कृतिक विरासत में एक अद्वितीय स्थान रखता है। हमारी विविध और समकालिक विरासत को बचाना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष डा सी पी जोशी ने भी सभी देश एवं प्रदेशवासियों को विश्व धरोहर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी और कहा कि इस मौके देश एवं प्रदेश की इन अनमोल धरोहरों की स्वच्छता एवं सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि
देश की गौरवमयी संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण से मानव जाति के ज्ञान का भण्डार उन्नत होगा तथा बेहतर भारत के निर्माण का स्वप्न भी साकार हो सकेगा। अतः आइए, विश्व विरासत दिवस के अवसर पर देश -प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों को संजोए रखने एवं संरक्षण का संकल्प लें।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने इस अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि आज इस मौके अपने आस-पास की ऐसी इमारतें जो ऐतिहासिक आधार रखती हो, को हेरिटेज राजस्थान हेस्टेग के साथ शेयर करना चाहिए।
केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि हमारी अमूल्य संस्कृति एवं सभ्यता की परिचायक मूर्त एवं अमूर्त विरासतें हमारे ऐतिहासिक स्वरूप को साकार करती है। ये हमारे गौरवमयी इतिहास के जीवंत दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि इस मौके इनकी सुरक्षा, संवर्धन और संरक्षण का संकल्प लिया जाना चाहिए।
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि ऐतिहासिक, पुरातात्विक, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरें हमारी प्राचीन सभ्यता, संस्कृति एवं गौरवशाली इतिहास की पहचान है। हमारी इन अनमोल विरासतों को सहेजना एवं संवारना हम सबकी जिम्मेदारी है। विश्व धरोहर दिवस पर आइए, देश एवं प्रदेश की इन अनमोल धरोहरों के संरक्षण व संवर्धन का संकल्प लें।
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी विश्व धरोहर दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस अवसर पर हम सबको मिलकर अपनी ऐतिहासिक धरोहरों के संवर्धन और संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।