NEP 2020:केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा – स्थानीय भाषाओं में शुरू होंगे प्रोफेशनल कोर्सेस,

इसी के चलते जेईई मेन को 13 स्थानीय भाषाओं में आयोजित किया गया

केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 16 नवंबर को शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने प्राेफेशनल एजुकेशन में स्थानीय भाषाओं के इंटीग्रेशन और स्थानीय भाषाओं में प्रोफेशनल एजुकेशन देने पर जोर दिया।

प्रधान ने ट्वीट कर बताया कि स्थानीय भाषाओं में व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने पर टास्क फोर्स की रिपोर्ट की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ते हुए, हम #NEP2020 के अनुरूप व्यावसायिक शिक्षा में स्थानीय भाषाओं के एकीकरण की ओर देख रहे हैं। एनईपी 2020, 21वीं सदी के भारत की नींव रखेगी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में जानकारी दी कि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की। नई शिक्षा नीति से जुड़ी कई पहल पहले ही शुरू की जा चुकी हैं, जिनमें और भी बहुत कुछ शामिल है। फास्ट-ट्रैकिंग कार्यान्वयन के लिए आगे की राह पर भी चर्चा की।

अधिक जीवंत एजुकेशन सिस्टम विकसित करने की दिशा में काम

प्रधान ने लिखा – ‘भविष्य की दृष्टि, स्थानीय जुड़ाव और वैश्विक दृष्टिकोण के साथ, हम एनईपी के दृष्टिकोण को वास्तविकता में बदलने और अधिक जीवंत एजुकेशन सिस्टम विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इस वर्ष, इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा- जेईई मेन 2021 को 13 स्थानीय भाषाओं में आयोजित किया गया था।

इसमें असमिया, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मराठी, मलयालम, ओडिया, पंजाबी, तमिल और तेलुगु शामिल हैं। जबकि मेडिकल प्रवेश- नीट 2021 को 11 स्थानीय भाषाओं में आयोजित किया गया था। इनमें असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू आदि शामिल हैं’।

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