इस नियम की वजह से दिल्ली के हजारों बेघरों को नहीं लग रही वैक्सीन, जानें पूरा मामला
नई दिल्ली. कोरोना की दूसरी लहर तकरीबन मंद हो चुकी है, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली के करीब 200 नाइट शेल्टर (Night Shelter) और सड़क पर खुले आसमान के नीचे रहने वाले लोगों को अब तक कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccination)की पहली डोज भी नहीं लगी है. जबकि देशभर में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरूआत को छह महीने हो चुके हैं. बता दें कि दिल्ली में रहने वाले ये वो लोग हैं, जो कि रिक्शा या फिर मेहनत मजदूरी या कोई सामान ढोने का काम करके अपना जीवन यापन कर रहे हैं. यही नहीं, इनमें कुछ तो घरों में साफ सफाई का काम भी करते हैं.बहरहाल, दिल्ली के करीब 200 नाइट शेल्टर में 4000 लोग रहते हैं और खुले आसमान के नीचे रहने वालों की संख्या भी काफी है. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में करीब छह हजार लोग खुले आसमान के नीचे अपनी रात गुजारते हैं. यही नहीं, लॉकडाउन के बाद जब यह लोग काम पर लौटे तो इन्हें अपना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाने को बोला गया, लेकिन इनके पास कोई आईडी नहीं है, तो वैक्सीन नहीं लग पा रही है और काम भी नहीं मिल पा रहा है.
दरअसल, दिल्ली में नाइट शेल्टर और खुले आसमान के नीचे रहने वालों के पास ना तो आधार कार्ड है, ना ड्राइविंग लाइसेंस, ना पैन कार्ड, ना पासपोर्ट और ना बैंक के कोई कागजात हैं. इसी वजह से इनका वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है. इस दौरान नाइट शेल्टर में रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया, ‘ पिछले दिनों पता चला था कि हमारे नाइट शेल्टर के पास ही सरकारी स्कूल में कोरोना वैक्सीनेशन हो रहा है, लेकिन जब वहां गए तो आईडी कार्ड मांगा गया, जो कि मेरे पास नहीं था. इस वजह से मेरा वैक्सीनेशन नहीं हो सका.’ हालांकि बेघरों के मामले को लेकर कई संस्थाएं सरकार और डीएम को पत्र लिख चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार ने वैक्सीन लेने के लिए आईडी होने की शर्त तय कर रखी है.