नाले में गिरी गाय तो बंद हुआ हुक्का पानी ! ये कैसी पंचायत ?
मध्यप्रदेश शिवपुरी जिले के ग्राम मामोनी कलां में एक ग्रामीण को खेत में आई गाय को भगाना उस समय महंगा पड़ गया जब यह गाय समीप के नाले में जा गिरी और इसकी मौत हो गई। इस मामले में गाय को खेत से भगाने वाले युवक के परिवार को ग्रामीणों ने गौहत्या का दोषी मानते हुए इसका परिवार सहित ना सिर्फ हुक्का पानी बंद कर दिया बल्कि पंचायत में फरमान सुनाया कि उक्त परिवार पहले इलाहाबाद जाकर गंगा स्नान करके आए इसके बाद उसे गौहत्या के लिए दण्ड निर्धारित किया जाएगा।
बताया जाता है कि उक्त परिवार पर लगने वाले दण्ड का ऐलान भी गतरोज पंचायत द्बारा कर दिया गया है। इस मामले में जनपद पंचायत करैरा के सीओ का कहना है कि अगर पंचायत द्वारा इस तरह का फरमान सुनाया गया है तो वह गलत है। वह इस पूरे मामले की जानकारी लेकर मामले की जांच कराएंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करैरा जनपद अंतर्गत ग्राम मामोनीकलां में रहने वाले भरत लोधी बीतेरोज अपने खेत पर काम कर रहा था उसी समय एक गाय भरत के खेत में आ गई और फसल को खराब करने लगी,भरत ने गाय को खेत से भगा दिया और यह गाय भागते समय खेत के समीप बने नाले में जा गिरी जिससे गाय की मौत हो गई। देखते ही देखते इस घटना की खबर पूरे गांव में फैल गई। ग्रामीणों ने भरत लोधी को गाय की मौत का जिम्मेदार मानते हुए तत्काल पंचायत ने भरत और उसके परिवार का गांव में हुक्का-पानी बंद कर दिया,साथ ही बुलाई गई पंचायत ने यह फरमान भी सुना डाला कि पहले उक्त परिवार गंगा नहाने जाए, इसके बाद पंचायत उक्त मामले में दण्ड निर्धारित करेगी और दण्ड पूरा होने के बाद ही भरत व उसके परिवार का गांव में हुक्का पानी शुरू हो पाएगा। पिछले दिनों भरत का पूरा परिवार इलाहाबाद गंगा स्नान करके लौट आया है और अब पंचायत ने उक्त परिवार को दण्ड सुनाते हुए कहा है कि वह पहले गांव के मंदिरों को दान राशि दे और फिर उसके बाद भागवत कथा कराए, तभी उसको गांव में वापिस लिया जाएगा।
गांव से अलग थलग हुआ परिवार
भरत लोधी व उसका परिवार गौहत्या का दोषी हो जाने की वजह से गांव का कोई भी व्यक्ति उक्त परिवार से बात तक नहीं कर रहा है। रविवार की रात उक्त परिवार वापिस आ गया है और अब इस परिवार को पंचायत ने अपना फैसला सुनाया है। जो फैसला सुनाया गया है उसे पूरा करने के बाद ही इस परिवार के सिर से गौहत्या का दोष मिट सकेगा।
परिवार ने सुनाई अपनी पीड़ा
मामोनीकलां निवासी भरत लोधी के भाई मनोज ने बताया कि बीते शुक्रवार की दोपहर उसके भाई के मूंगफली के खेत में एक गाय घुस कर फसल उजाड़ रही थी।जब भरत ने अपनी फसल उजड़ते देखी तो उसने खेत में जाकर गाय को भगाया। गाय खेत से निकली तो वहीं पास में बहने वाले एक नाले में जा गिरी और उसमें गिरने से गाय की मौत हो गई। भरत द्वारा गाय को भगाने व नाले में गिरने से उसकी मौत की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। फिर क्या था, गांव के जो लोग भरत के घर आते-जाते थे, उन लोगों ने बात करना तक बंद कर दिया। साथ ही गांव की पंचायत ने यह फैसला किया उक्त परिवार पहले गंगा नहाने जाए इसके बाद आगे का फैसला सुनाया गया है जिसे वह पूरा करेगा और जब तक पंचायत के फैसले को पूरा नहीं किया गया,तब तक उसके परिवार से न तो कोई बातचीत करेगा और न ही उसके परिवार के साथ गांव का कोई व्यक्ति सामान आदि का लेनदेन करेगा।
गांव में अकेला हुआ पूरा परिवार
गौहत्या का दोष लगने के बाद भरत लोधी व उसका परिवार गांव में पूरी तरह से अकेला हो गया। यह पूरा परिवार अपने खेत पर जाकर काम भी नही कर पा रहा है।इतना ही नही भरत के खेत पर काम करने वाले मजदूर भी तब तक भरत के यहाँ काम नही करेंगे, जब तक कि वह पंचायत द्वारा तय किए गए दंड को पूरा नहीं करता। जब पंचायत के आदेश का पालन हो जाएगा,उसके बाद ही इस परिवार को गौहत्या के दोष से मुक्त माना जाएगा और उसके बाद ही उक्त परिवार का बंद हुआ हुक्का-पानी फिर शुरू हो सकेगा।
भरत ने अपने खेत से गाय को भगाया तो वो नाले में गिरकर मर गई। अभी वो परिवार सहित इलाहाबाद गंगा नहाकर आया है।आसपास चार-छह गांव के बुजुर्ग पंच जुड़े थे जिन्होंने फैसला सुनाया है। जिसे पूरा करने के बाद भरत व उसका परिवार गौहत्या के दोष से मुक्त हो सकेगा।