सड़क दुर्घटना में कमी लाने के उद्देश्य से किया गया ड्राईरन प्रशिक्षण

सड़क दुर्घटनाओं मंे कमी लाने हेतु के सम्बन्ध में जिला सूचना-विज्ञान अधिकारी एन.आई.सी. संजय कुमार की उपस्थिति में एटा पुलिस लाइन सभागर में पुलिस थानों से आए कम्प्यूटर आपरेटर, निरीक्षक, उप निरीक्षक, सिपाही, यातायात सिपाही की उपस्थिति में जिले के सभी थानों के चयनित कार्मिको को पावर पाइन्ट प्रजेनटेशन के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। आईरैड मोवाइल ऐप के जरिये आकड़ों को दर्ज कराने का विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

परियोजना के रोल आउट मैनेजर आलोक कुमार अग्रवाल ने बताया कि किस तरह से पुलिस कार्मिको द्वारा मोवाइल ऐप के माध्यम से दुर्धटना से सम्बन्धित जानकारी दर्ज की जायेगी। इसमें घटना में प्रभावित व्यक्ति का नाम, उम्र, पता, वाहन नं0, लाइसेंस नं0, दुर्धटना के सम्भावित कारण के साथ-साथ फोटो वीडियो भी अपलोड किया जा सकेगा। सूचना दर्ज होते ही हादसे से सम्बन्धित सारी सूचना सम्बन्धित विभाग, अस्पताल तक पहॅंुच जायेगी। वर्तमान में पुलिस एवं परिवहन कार्मिकों को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षित किया गया है और आने वाले दिनों में शेष रहे विभाग स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों, कार्मिकों को भी प्रशिक्षित किया जायेगा। थाना पिलुआ व मिरहची में इन्टीग्रेटड रोड एक्सीडेन्ट डेटावेस परियोजना का सफलता पूर्वक ड्राईरन किया गया। आई.आर.ए.डी. परियोजना के सफल संचालन की जिम्मेदारी एन.आई.सी. को दी गई है।

सड़क दुर्घटना को रोकने एवं उनमें कमी लाने के मकसद से न सिर्फ आकडे तैयार किये जायेगे बल्कि सड़क दुर्घटना में कमी लाने के प्रयास भी इस आईरैड मोबाइल ऐप के द्वारा किया जायेगा। इस परियोजना के अन्तर्गत सड़क परिवहन एवं राज्य मंत्रालय भारत सरकार ने इन्ट्रीग्रेटेड रोड़ एक्सीडेन्ट डाटावेस परियोजना का प्रारम्भ किया है। इस परियोजना के मकसद सड़क दुर्घटनाओं का पता लगाकर सड़क सादसों में कमी लाना है। जिससे सड़क हादसों में बढ़ती मृत्यूदर को रोका जा सके। इसके सम्बन्ध में थाना पिलुआ में तथा थाना मिरहची में संजय कुमार, जिला सूचना-विज्ञान अधिकारी एन.आई.सी.के निर्देशन में रोलआउट मैनेजर आलोक कुमार अग्रवाल एवं पिलुआ, मिरहची थाना प्रभारी एवं परिवहन विभाग को आईरैड मोबाइल ऐप का ड्राइरन (डेमो) पहले चरण व दूसरे चरण में सफलता पूर्वक संचालित किया गया।

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