इस संगीन मामले में गिरफ्तार हुआ सिमी का पूर्व अध्यक्ष
प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंड इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया(SIMI) के पूर्व अध्यक्ष ड़ॉ. मौलाना शाहिद बद्र(Dr. Maulana Shahid Badra) को गुजरात पुलिस ने 18 साल पुराने देशद्रोह और सरकारी कार्य में बाधा डालने केे आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार रात मौलाना शाहिद बद्र को आजमगढ़ के मनचोभा गांव स्थित उनके क्लीनिक से घर जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद शाहिद ब्रद के समर्थकों ने गुजरात(Gujrat) पुलिस का विरोध किया जिसके बाद पुलिस फाॅर्स बुलाई गई।
गुरुवार रात ड़ॉ मौलाना शाहिद बद्र को गिरफ्तार कर गुजरात पुलिस उन्हें नगर कोतवाली लेकर पहुंची। इसके बाद काफी संख्या में उनके समर्थक और अधिवक्ता शहर कोतवाली में एकत्रित हो विरोध करने लगे। शाहिद बद्र की गिरफ्तारी पर उनका विरोध देख गुजरात पुलिस को कोतवाली पर पुलिस फाॅर्स(Police Force) बुलानी पड़ी। वहां डॉ. शाहिद बद्र के अधिवक्ता अब्दुल खालिद(Abdul Khalid) ने ट्रांजिड रिमांड का हवाला देते हुए गुजरात ले जाने पर एतराज जताया। ट्रांजिट रिमांड को लेकर एसपी सिटी पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि शाहिद बद्र पर देशद्रोह(Sedition) और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा गुजरात में चल रहा था। इसी मामले में गुजरात पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी की है। उसके साथ दिल्ली में चार, बहराइच में एक और गोरखपुर, आजमगढ़ में एक-एक मुकदमो के साथ अन्य जनपदों में भी वांछित होने का मामला प्रकाश में आया है। वहीं पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक आजमगढ़(Azamgarh) प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह(Triveni Singh) का कहना था कि शाहिद बद्र के खिलाफ गुजरात में एक मुकदमा दर्ज था जिसके लिए गुजरात पुलिस उन्हें अपने साथ लेकर गई है। गुजरात ले जाने से पहले पुलिस ने उनसे संपर्क किया था।
भड़काऊ भाषण देने का मुकदमा
गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने शाहिद बद्र की हिस्ट्रीशीट खोल दी है। शाहिद बद्र को गिरफ्तार करने वाले गुजरात प्रांत के कच्छ जिले के इंस्पेक्टर वाईपी साडेजा का कहना है कि वर्ष 2001 में डॉ. शाहिद बद्र के खिलाफ कच्छ जिले में मुकदमा अपराध संख्या 58/2001 की धारा 353 व 143 भादवि के तहत मुकदमा दर्ज है। इसी मुकदमे में गुजरात कोर्ट से उनके खिलाफ अक्टूबर 2012 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था। बद्र का सही पता न होने के चलते आज तक पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। बता दें गुजरात में उनपर भड़काऊ भाषण देने की वजह से मुकदमा दर्ज है।
रवि सिंह की रिपोर्ट