झारखंड कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने उठाया वो कदम कि तिलमिला उठी कांग्रेस!
झारखण्ड(Jharkhand) में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। झारखंड कांग्रेस(Congress) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजॉय कुमार (Dr. Ajoy Kumar) ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। कांग्रेस से इस्तीफा दे अजॉय कुमार आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इससे कांग्रेस गुस्से में तिलमिलाई हुई है। पार्टी ने अजॉय(Dr. Ajoy Kumar) को प्रदेश अध्यक्ष बनाने को भूल बता दिया है।
Former MP and Ex President of Jharkhand Congress, Ajoy Kumar (@drajoykumar) joins AAP in presence of Delhi Dy CM @msisodia & Senior Leaders @Saurabh_MLAgk & @ipathak25. pic.twitter.com/FMMwoRZ60x
— AAP (@AamAadmiParty) September 19, 2019
गुरुवार सुबह दिल्ली में एक प्रेस वार्ता के दौरान अजॉय कुमार ने इसकी घोषणा की। इस दौरान आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) भी मौजूद थे। आप में शामिल होने के बाद अजॉय ने कहा, ‘हमारे जैसे सभी आम आदमी को ईमानदार राजनीति में आगे आने चाहिए और सहयोग देना चाहिए। आज की राजनीति का जवाब सिर्फ आम आदमी पार्टी है। ये अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की राजनीति है।’
मनीष सिसोदिया ने दी बधाई
"हमारे जैसे सभी आम आदमी को ईमानदार राजनीति में आगे आने चाहिए और सहयोग देना चाहिए।
आज की राजनीति का जवाब सिर्फ आम आदमी पार्टी है, @ArvindKejriwal @msisodia की राजनीति है"- @drajoykumar pic.twitter.com/fFFtIPEDZP— AAP (@AamAadmiParty) September 19, 2019
अजॉय कुमार के आप में शामिल होने पर मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने(Dr. Ajoy Kumar) लिखा “आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण साथी, देश के प्रशासन तंत्र के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर डॉ. अजॉय कुमार जी आज हमारे साथ जुड़ रहे हैं, मैं तह-ए-दिल से अजय कुमार जी का आम आदमी पार्टी में स्वागत कर रहा हूँ।”
कांग्रेस ने दी ऐसी प्रतिक्रिया: बताया गलती
वहीँ दूसरी तरफ अजॉय कुमार के जाने से कांग्रेस में तिलमिलाहट है। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने अजय कुमार का पार्टी छोड़ना दुखद बताया। उन्होंने कहा कि ‘उनका पार्टी छोड़ना दुखद है। लेकिन उनके जाने से पार्टी पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। प्रदेश कांग्रेस और जनता में उनकी वैसी कोई पकड़ नहीं थी। वो जेवीएम से कांग्रेस में आए थे, और पार्टी ने उनपर भरोसा कर प्रदेश अध्यक्ष की बड़ी जिम्मेदारी दी थी। लेकिन वो इस जिम्मेदारी को ठीक से नहीं निभा पाए।’
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि अजॉय कुमार अतिमहत्वाकांक्षा के शिकार हो गए। उनको प्रदेश अध्यक्ष बनाना ही पार्टी की बड़ी गलती थी। इसलिए लोकसभा चुनाव में पार्टी को हार झेलनी पड़ी। आलाकमान ने उनपर जरूरत से ज्यादा भरोसा जताया, पर वो उसपर खरे नहीं उतर पाए। वहीँ जेएमएम महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि ये कांग्रेस का अंदरुनी मामला है। लेकिन उनके कांग्रेस छोड़ने पर विधानसभा चुनाव में महागठबंधन बनाने की कवायद को झटका लगा है। अब जेएमएम को इसके लिए आगे आकर पहल करनी होगी।
अस्थिर रहा है अजॉय का करियर
गौरतलब है कि अजॉय कुमार का करियर अस्थिर रहा है। पहले अजॉय मेडिकल प्रोफेशन में थे, जिसके बाद वे आईपीएस बने। जमशेदपुर एसपी के रूप में उन्होंने काफी नाम कमाया। इसके बाद उन्होंने आईपीएस की नौकरी छोड़कर टाटा ज्वाइन की। टाटा को छोड़कर अजॉय ने 2011 में जेवीएम से सियासत में कदम रखा। बता दें कि अजॉय कुमार ने लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस का हाथ थामा था। लेकिन प्रदेश कांग्रेस में बढ़ती खेमेबाजी से परेशान होकर उन्होंने बीते 9 अगस्त को प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
मुख्यमंत्री के खिलाफ लड़ेंगे अजॉय
आपको बता दें कि वे जमशेदपुर पूर्व या पश्चिम सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। जमशेदपुर से उनका पुराना नाता होने की वजह से इसकी संभावना जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार उन्होंने(Dr. Ajoy Kumar) पार्टी को जमशेदपुर, धनबाद या रांची शहरी क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने का विकल्प सौंपा है। ऐसे में वे सीएम रघुवर दास या मंत्री सरयू राय के खिलाफ मैदान में नजर आ सकते हैं। इसपर जल्द ही पार्टी का आखिरी निर्णय घोषित होगा।