कश्मीर में ट्रंप को दिखा हिंदू-मुसलमान, इस तरह करेंगे समाधान
पिछले कुछ समय से कश्मीर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तनातनी बढ़ गई है। 370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान का रवैया बदले जा रहा है। कभी वो इस मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है तो कभी विवादस्पद बयान देकर अपनी ही मुश्किलें बढ़ा रहा है। ऐसे में हाल ही में अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों से हुई बातचीत एक आशा की किरण लग रही थी। हालाँकि अमरीका की तरफ से फिर से मध्यस्थता का अलाप शुरू हो गया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कश्मीर के हालात को ‘विस्फोटक’ करार देते हुए कहा कि ये बहुत ही जटिल जगह है। ट्रंप ने कहा है कि कश्मीर में तनाव के पीछे धर्म का अहम हाथ है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि वह कश्मीर की तनावपूर्ण स्थिति पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दोबारा चर्चा करेंगे। पीएम मोदी के साथ यह चर्चा ट्रंप जी-7 समिट के दौरान करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा,‘कश्मीर बेहद जटिल जगह है। यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है।’ उन्होंने कहा कि मध्यस्थता के लिए जो भी बेहतर हो सकेगा, मैं वो करूंगा। उन्होंने आगे कहा,’दोनों देशों के बीच लंबे वक्त से रिश्ते ठीक नहीं रहे हैं और साफ तौर पर कहूं तो ये बेहद ही विस्फोटक स्थिति है।’ उन्होंने कहा कि “दोनों देशों के बीच बहुत सारी समस्याएं हैं और मैं मध्यस्थता या दूसरे तरीकों से कुछ करने की पूरी कोशिश करूंगा। दोनों देशों के साथ हमारे अच्छे रिश्ते हैं लेकिन दोनों इस वक्त आपस में दोस्त नहीं हैं। हालात जटिल हैं और इसमें धर्म की अहम भूमिका है। यहां धर्म एक जटिल मुद्दा है।’
आक्रामक रुक से कहा था बचने को
गौरतलब है कि सोमवार को तीनो नेताओ की हुई बातचीत के बाद अमरीका ने पाकिस्तान को आतंकवाद का साथ छोड़ने को कहा। ट्रंप ने पाकिस्तान को आक्रामक रुख अपनाने और आक्रामक बयानबाज़ी से बचने की हिदायत दी थी। इसके साथ ही उन्होंने दोनों देशों से आर्थिक एवं व्यापार सहयोग बढ़ाने की दिशा में काम करने पर भी सहमति जताई।