डॉक्टर ले सकेंगे राहत की सांस, पीपीई किट पहनने को लेकर आए नए निर्देश
नई दिल्ली. कोविड19 को लेकर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों के लिए राहत की खबर है. कोरोना के मामलों को देखते हुए सभी अस्पतालों में डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को पीपीई किट पहनना अनिवार्य कर दिया गया था. लंबे समय से पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) किट पहनकर काम करने के दौरान डॉक्टरों और कर्मचारियों के बेहोश तक होने की खबरें भी आई थीं लेकिन अब इससे कुछ हद तक छुटकारा मिलने जा रहा है.
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्ली जैसे बड़े संस्थान में अब पीपीई किट पहनने को लेकर नए निर्देश जारी किए गए हैं. इनमें सभी विभागों के डॉक्टरों से कहा गया है कि कोरोना के गिरते ग्राफ को देखते हुए पीपीई किट पहनने के नियमों में ढील दी गई है. एम्स के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि अब से एम्स में सिर्फ कोविड-19 आईसीयू इलाके में ही डॉक्टरों को कवरोल बेस्ड पीपीई किट पहननी होगी. इसके अलावा नॉन कोविड-19 या जनरल वार्ड, कोरोना संदिग्ध इलाके और आईसीयू में डॉक्टरों को कवरोल बेस्ड पीपीई किट पहनने की जरूरत नहीं है.
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हालांकि पीपीई किट से छुट्टी के अलावा सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों को एन-95 मास्क, फेस शील्ड और सर्जिकल गाउन पहनना अनिवार्य होगा. पूरे अस्पताल ये तीनों चीजें पहनी जाएंगी और कोरोना के सभी नियमों जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, हाथ धोना आदि का कड़ाई से पालन किया जाएगा. ऐसा बदलाव वैज्ञानिकों के कोविड-19 के प्रसार में देखी गई कमी के बाद किया जा रहा है.
एम्स के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डीके शर्मा की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि एम्स के बाकी सभी हिस्सों में जहां कोविड 19 के मरीजों के लिए तय किया गया आईसीयू नहीं हैं वहां सभी कर्मचारियों की ड्यूटी और शिफ्ट नॉर्मल कर दी जाएंगी. इसके साथ ही सभी वर्गों के सभी कर्मचारियों के ऑफ भी तत्काल प्रभाव से नियमित कर दिए जाएंगे.