Karnataka: हाथ लगाने पर भड़के कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकर्ता को सरेआम लगाया थप्पड़
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी ही पार्टी के एक कार्यकर्ता को इसलिए थप्पड़ मार दिया क्योंकि वो सेल्फी लेने की कोशिश कर रहा था।
Karnataka Congress: कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के एक वीडियो ने राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है। ये घटना शुक्रवार की है, जब डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) पार्टी के एक सांसद के स्वास्थ्य का हाल-चाल जानने के लिए मांड्या में थे। रास्ते में चलते वक्त उन्हीं की पार्टी एक कार्यकर्ता ने उनके करीब आकर उनके कंधे पर हाथ रखने की कोशिश की। इस बात पर डीके का पारा चढ़ गया और रुककर उसे एक थप्पड़ मार दिया। उनकी ये हरकत कैमरे पर भी कैद हो गई और ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में उन्हें ये कहते हुए सुना जा सकता है कि इस जगह पर यह कैसा व्यवहार है? मैंने तुम्हें आजादी दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि तुम ऐसा कर सकते हो। वैसे जब शिवकुमार को पता चला कि मीडिया भी वहां मौजूद है तो उन्होंने वीडियो को डिलीट करने के लिए भी कहा, लेकिन फिर भी उनका ये वीडियो वायरल हो गया।
पहले भी कर चुके हैं दुर्व्यवहार
वैसे बाद में उन्होंने सफाई में ये कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर उन्हें गुस्सा आ गया। वीडियो वायरल होने का बाद बीजेपी ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनका अपने कार्यकर्ता के प्रति ऐसा व्यवहार बेहद निंदनीय है। पार्टी का नेतृत्व एक ऐसा व्यक्ति कर रहा है जिसके पास सार्वजनिक जीवन में बुनियादी शालीनता भी नहीं है। वैसे यह पहली बार नहीं है जब शिवकुमार ने इस तरह का दुर्व्यवहार किया है। साल 2018 में बेल्लारी में कांग्रेस के चुनाव प्रचार के दौरान भी सेल्फी लेने की कोशिश कर रहे एक युवक के साथ उन्होंने दुर्व्यहार किया था। 2017 में बेलगाम में शिवकुमार ने पत्रकारों के सामने सेल्फी लेने वाले व्यक्ति के हाथ पर थप्पड़ मारा था।
कौन हैं डीके शिवकुमार?
शिवकुमार कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र से एक विधायक हैं। ये एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार के मंत्रिमंडल में सिंचाई राज्य मंत्री थे और सिद्धारमैया सरकार में ऊर्जा मंत्री के रूप में काम किया था। वैसे इनकी असली पहचान ये है कि ये कर्नाटक के सबसे अमीर नेताओं में से एक हैं। इन्हें रिसॉर्ट पॉलिटिक्स का जनक भी कहा जाता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में दाखिल हलफनामे में उन्होंने अपनी और अपने परिवार की कुल संपत्ति 840 करोड़ बताई थी, जबकि इसके पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 251 करोड़ की ही संपत्ति बताई थी। यानी सिर्फ 6 साल में उन्होंने 600 करोड़ रुपये कमाए। इन्हें
शिवकुमार 2016 में हुई नोटबंदी के बाद से ही आयकर विभाग और ईडी के रडार पर रहे। उनके नई दिल्ली स्थित फ्लैट से अगस्त 2017 में आयकर विभाग ने 8.59 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की थी। आयकर विभाग के आरोप-पत्र के आधार पर ED ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। इस सिलसिले में ये कुछ महीनों तक तिहाड़ में भी रह चुके हैं। अक्टूबर 2020 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार और उनके भाई डीके सुरेश से संबंधित 15 जगहों पर छापा मारा था।