दिशा रवि केस की आज हुई सुनवाई, जानिए कोर्ट ने क्या दी चेतावनी
नई दिल्ली
दिल्ली हाईकोर्ट ने किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में 21 वर्षीय क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस के साथ ही मीडिया को चेताया। हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि मीडिया सावधानी के साथ यह सुनिश्चित करे कि मामले में जो भी रिपोर्ट टेलीकास्ट हो वह ऑथेंटिक सोर्स से हो। साथ ही एडिटोरियल टीम यह सुनिश्चित करे कि टेलीकास्ट होने वाली सामग्री वेरिफाइड हो। इससे जांच प्रभावित नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि दिल्ली पुलिस को अपनी चार्जशीट पर टिके रहना होगा।
अदालत ने कहा कि ऐसा ना हो कि पहले की चार्जशीट और बाद में पुलिस के पक्ष में अंतर्विरोध देखने को मिले। हाईकोर्ट ने इस मामले में पक्षकारों को एफेडेविट दाखिल करने का टाइम दिया है। मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी। इससे पहले दिशा रवि ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि पुलिस को उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से जुड़ी जांच की कोई भी सामग्री मीडिया में लीक करने से रोका जाए। याचिका में मीडिया को उनके और तीसरे पक्ष के बीच व्हाट्सऐप पर मौजूद किसी भी कथित पर्सनल बातचीत के कंटेंट या अन्य चीजें पब्लिश करने से रोकने का भी अनुरोध किया गया है
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अदालत ने कहा, “जबकि एक पत्रकार को अपने सोर्स को बताने के लिए नहीं कहा जा सकता है, लेकिन वह ऑथेंटिक होना चाहिए। दिल्ली पुलिस ने मीडिया के दावे के विपरित कहा कि कुछ भी लीक नहीं हुआ है। अदालन ने कहा कि निजता का अधिकार, देश की संप्रभुता और अखंडता और बोलने की स्वतंत्रता को संतुलित करने की आवश्यकता है। मीडिया द्वारा हाल ही में की गई कवरेज निश्चित रूप से दिखाती है कि इस मामले में सनसनीखेज रिपोर्टिंग की गई है।
किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर साझा करने में संलिप्तता के आरोप में दिल्ली पुलिस ने क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि को 13 फरवरी को बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस साइबर सेल के जॉइंट सीपी प्रेम नाथ ने बताया था कि दिशा रवि ने पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग तक टूलकिट टेलीग्राम एप के माध्यम से पहुंचाई थी। पुलिस का आरोप है कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए दिशा रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ साठगांठ की।