कोविड के नए वेरिएंट के बीच तेज हुई बूस्टर शॉट की चर्चा, एम्स के डॉक्टर ने कहा

नई दिल्ली: दुनिया भर के अलग-अलग देशों से लगातार कोरोना वायरस (Corona Virus) के नए वेरिएंट (Covid 19 New variant) के मामले सामने आ रहे हैं. कोविड का यह नया वायरस हांगकांग, बोत्सवाना, इजरायल और बेल्जियम समेत कई देशों में सामने आ चुका है. कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की कुंद पड़ती रफ्तार के बीच कोविड के नए वेरिएंट B.1.1.529 ने संभावित तीसरी लहर (Covid Third Wave) की अशंका को भी तेज कर दिया है. कोरोना के नए स्वरूप के सामने आते ही एक बार फिर वैक्सीन के बूस्टर शॉट को लेकर चर्चा तेज हो गई है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली (Delhi AIIMS News) के एक विरष्ठ डॉक्टर ने भी अब कोविड इनफेक्शन से बचने के लिए बूस्टर शॉट्स (Vaccine Booster Shot ) के लिए जोर दिया है.

कोरोना वैक्सीन की बूस्टर शॉट को लेकर कोविड -19 टास्क फोर्स (Covid-19 Task Force), एम्स दिल्ली (Delhi AIIMS) के अध्यक्ष, डॉ नवीत विग ने कहा कि आने वाले दिनों में बूस्टर शॉट्स लगाने की आवश्यकता होगी और विभिन्न आयु समूहों पर इसके क्या प्रभाव होंगे इसको जानने के लिए हमें इस पर अभी से तत्काल रूप से काम शुरू कर देना चाहिए.

इजरायल की केस स्टडी का उदाहरण
बूस्टर शॉट के लिए उन्होंने इजरायल की एक केस स्टडी को समझाते हुए कहा वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि बूस्टर खुराक के बाद टीके की प्रभावशीलता में 40 से लेकर 93 प्रतिशत तक प्रभावशीलता देखी गई है. हमें भी बहुत जल्द बूस्टर शॉट की जरूरत होगी और इसके लिए अभी से अध्ययन शुरू कर देना चाहिए. इजरायल में बूस्टर शॉट लेने के बाद टीके की प्रभावशीलता 40% से बढ़कर 93% हो गई.

डॉ. नवीत विग की बूस्टर डोज को लेकर टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब दुनिया के कई देशों से कोरोना के नए वेरिएंट के मामले सामने आ रहे हैं. दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक इस समय इस नए वेरिएंट की प्रभावशीलता और उसके स्वरूप का अध्ययन करने में लगे हैं.

दूसरी लहर में मचा था कोहराम
गौरतलब है कि जब कोरोना का सेंकेण्ड वेरिएंट सामने आया है तो दूसरी लहर ने भारत समेत कई देशों में जमकर कोहराम मचाया था. अब इस नए वेरिएंट के सामने आने के बाद तीसरी लहर की आशंका भी तेज हो गई है. डॉक्टर ने कहा नए संस्करण को एंटीबॉडी के साथ कम न्यूट्रलाइजेशन के साथ अधिक प्रभावी और पारगम्य माना जाता है. वायरस के नए वेरिएंट आते रहेंगे इसलिए इनके खिलाफ सार्वभौमिक टीकाकरण सबसे महत्वपूर्ण है.

दिल्ली एम्स निदेशक ने कही ये बात
इससे पहले मंगलवार को एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने देश में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा था कि देश में वर्तमान में कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ बूस्टर खुराक की आवश्यकता नहीं है. डॉ. गुलेरिया से पहले कई अन्य विशेषज्ञ भी कह चुके हैं कि भारत अभी बूस्टर शॉट देने का जोखिम नहीं उठा सकता क्योंकि अभी देश में सिर्फ 35 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया गया है. दुनिया भर में अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, कनाडा और फ्रांस समेत कई देश इस समय बूस्टर शॉट दे रहे हैं.

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