Rajya Sabha में धनखड़ ने शिवराज सिंह को दिया नया नाम

Rajya Sabha में उपराष्ट्रपति और सभापति जगदीप धनखड़ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक नया नाम दिया।

Rajya Sabha में उपराष्ट्रपति और सभापति जगदीप धनखड़ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक नया नाम दिया। धनखड़ ने शिवराज को “किसान का बेटा” कहते हुए उनकी किसान-हितैषी नीतियों और योगदान को सराहा। उनके इस बयान ने सदन का ध्यान आकर्षित किया और शिवराज सिंह चौहान के प्रति उनके सकारात्मक दृष्टिकोण को उजागर किया।

शिवराज सिंह की जमकर तारीफ

Rajya Sabha जगदीप धनखड़ ने शिवराज सिंह चौहान को “किसान का सच्चा हितैषी” बताते हुए कहा कि उन्होंने मध्य प्रदेश के विकास और किसानों के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने शिवराज की नीतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए।
धनखड़ ने कहा,

“आज मैंने आपका नामांकन कर दिया है, किसान के बेटे के रूप में।”

यह बयान न केवल शिवराज की छवि को मजबूत करता है, बल्कि उन्हें किसानों से जुड़ाव रखने वाले नेता के रूप में भी प्रस्तुत करता है।

जयराम रमेश पर तंज

Rajya Sabha धनखड़ ने अपने संबोधन में कांग्रेस नेता जयराम रमेश का नाम लेते हुए उन पर तीखा तंज कसा। उन्होंने कहा कि रमेश जैसे नेताओं को शिवराज सिंह चौहान से सीख लेनी चाहिए कि कैसे जमीन से जुड़कर जनता की भलाई के लिए काम किया जाता है। यह टिप्पणी कांग्रेस पर अप्रत्यक्ष आलोचना थी, जिसमें धनखड़ ने विपक्षी दल को उनकी कथित नीतिगत कमियों के लिए घेरा।

शिवराज सिंह की छवि को बल

Rajya Sabha धनखड़ के इस बयान से शिवराज सिंह चौहान की “किसान-मित्र” छवि को और मजबूती मिली है। भाजपा लंबे समय से शिवराज को एक ऐसे नेता के रूप में पेश करती रही है, जो किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए समर्पित हैं। धनखड़ का यह बयान आगामी चुनावों में भाजपा की रणनीति का भी हिस्सा माना जा सकता है, जिसमें किसानों के समर्थन को प्राथमिकता दी गई है।

राजनीतिक संकेत

Rajya Sabha धनखड़ के इस बयान का राजनीतिक महत्व भी है। एक तरफ जहां उन्होंने शिवराज सिंह को प्रशंसा के केंद्र में रखा, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पर निशाना साधकर भाजपा की नीतियों को बढ़ावा दिया।
जयराम रमेश पर टिप्पणी करके उन्होंने यह भी संकेत दिया कि विपक्षी नेताओं को जनता से जुड़ने और उनकी समस्याओं को समझने की जरूरत है।

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Rajya Sabha में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का यह बयान शिवराज सिंह चौहान के किसान-हितैषी नेता की छवि को और मजबूत करता है। साथ ही, इसने भाजपा और कांग्रेस के बीच विचारधारा की खाई को भी उजागर किया। धनखड़ के शब्द न केवल सदन के भीतर चर्चा का विषय बने, बल्कि इससे बाहर भी राजनीतिक हलकों में इसका व्यापक प्रभाव देखा जा रहा है।

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