“Dhankar का दौरा: भविष्य के नौकरशाहों की नीति पर मंथन”
Dhankar आज कर्नाटक के बेंगलुरु का दौरा करेंगे। इस दौरे के दौरान वह राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों के 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप Dhankar आज कर्नाटक के बेंगलुरु का दौरा करेंगे। इस दौरे के दौरान वह राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों के 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में देशभर के राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष और अन्य अधिकारी शामिल होंगे।
राष्ट्रीय सम्मेलन: एक नजर
यह 25वां राष्ट्रीय सम्मेलन भारत में लोक सेवा आयोगों के प्रमुखों के बीच नीतिगत चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
- इस वर्ष का सम्मेलन बेंगलुरु में आयोजित किया जा रहा है, जो राज्य लोक सेवा आयोगों के कामकाज को बेहतर बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास है।
- सम्मेलन में विभिन्न आयोगों के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान होगा और यह तय किया जाएगा कि चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष कैसे बनाया जाए।
- इसके अलावा, इसमें नई तकनीकों के उपयोग पर भी चर्चा होगी ताकि परीक्षाओं के संचालन को और अधिक कुशल बनाया जा सके।
उपराष्ट्रपति का संबोधन
उपराष्ट्रपति जगदीप Dhankar सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान अपने महत्वपूर्ण विचार साझा करेंगे। यह उम्मीद की जा रही है कि वह देश में लोक सेवा आयोगों की भूमिका को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव देंगे।
- उन्होंने पहले भी कहा है कि लोक सेवा आयोग देश के प्रशासनिक तंत्र की रीढ़ हैं और इनकी कार्यप्रणाली में सुधार देश के भविष्य के लिए बेहद जरूरी है।
- उनका यह भी मानना है कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि देश को सर्वश्रेष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मिल सकें।
सम्मेलन के प्रमुख विषय
इस सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी, जिनमें शामिल हैं :
- डिजिटल तकनीक का उपयोग
- परीक्षाओं और चयन प्रक्रिया को डिजिटलीकरण के माध्यम से अधिक पारदर्शी और तेज बनाने पर जोर दिया जाएगा।
- एकीकृत परीक्षा प्रणाली
- राज्य और केंद्र स्तर की परीक्षाओं के बीच समानता लाने की संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी ताकि उम्मीदवारों को बेहतर अवसर मिल सके।
- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
- चयनित उम्मीदवारों के लिए बेहतर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।
कर्नाटक के लिए एक गौरवपूर्ण अवसर
इस सम्मेलन की मेजबानी करना कर्नाटक के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। कर्नाटक लोक सेवा आयोग (KPSC) ने राज्य में प्रशासनिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- राज्य सरकार ने कहा है कि इस सम्मेलन से उन्हें नई नीतियों को समझने और लागू करने में मदद मिलेगी।
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने भी उपराष्ट्रपति के दौरे पर सौहार्दपूर्ण स्वागत की तैयारी की है।
लोक सेवा आयोग: भूमिका और चुनौतियां
भारत में राज्य लोक सेवा आयोग का गठन संविधान के अनुच्छेद 315 के तहत किया गया है। इनका मुख्य कार्य राज्य के लिए प्रशासनिक सेवाओं में चयन करना है।
हालांकि, समय के साथ इन आयोगों के सामने कई चुनौतियां भी आई हैं, जैसे:
- भ्रष्टाचार के आरोप
- चयन प्रक्रिया में विलंब
- पारदर्शिता की कमी
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य इन सभी चुनौतियों का समाधान निकालना और चयन प्रक्रिया को अधिक सुधारात्मक और कुशल बनाना है।
भविष्य की राह
यह सम्मेलन एक ऐसा मंच प्रदान करेगा, जहां राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्ष अपने अनुभव साझा करेंगे और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से चयन प्रक्रिया को सुधारने की दिशा में काम करेंगे।
उम्मीद की जा रही है कि इस सम्मेलन के बाद लोक सेवा आयोगों की कार्यप्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव आएगा।
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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का बेंगलुरु दौरा और राज्य लोक सेवा आयोगों के अध्यक्षों का यह राष्ट्रीय सम्मेलन भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की चयन प्रक्रिया में सुधार की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह सम्मेलन न केवल राज्य आयोगों की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाएगा, बल्कि देश के प्रशासनिक ढांचे को भी अधिक मजबूत और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा।