डिप्टी CM दिनेश शर्मा बोले- अराजकता फैलाने की छूट किसी भी पार्टी को नहीं, NSA लगाने के आदेश
लखीमपुर खीरी. उतर प्रदेशल के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में महिला प्रस्तावक के साथ बदसलूकी का मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. सूबे के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंचायत चुनावों में हुई हिंसा को काफी गंभीरता से लिया है. उन्होंने सुबह ही लखीमपुर मामले में सीओ, एसओ, एक इंस्पेक्टर समेत तीन एसआई को निलंबित करने के निर्देश दे दिए थे. इसके अलावा उन्होंने आरोपी के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट और रासुका के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं. आरोपी निर्दलीय प्रत्याशी का समर्थक है, न कि भाजपा का.
यह बातें उन्होंने आज अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहीं. उन्होंने पंचायत चुनाव में सपा मुखिया का नाम लिए बिना कहा कि है. पिछली सरकार में ऐसा कोई चुनाव नहीं हुआ था, जिसमें लोगों की जानें नहीं गईं. सपा की गुंडई की आदत अभी गई नहीं है और वह पंचायत चुनाव में अराजकता की हदें पार कर रहे हैं और जब उनकी मनमानी नहीं हो पा रही है, तब कानून व्यवस्था संभाल रहे पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों पर गलत आरोप लगा रहे हैं. सपा के ही एक एमएलसी का वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें वह खुद सपा की गुंडई को सर्टिफाइड कर रहे हैं.
अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्य कर रही है. प्रदेश में किसी को भी अराजकता फैलाने की छूट नहीं दी गई है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो. डिप्टी सीएम ने दिनेश शर्मा ने कहा कि सीएम योगी ने सुबह ही उच्चाधिकारियों की बैठक में ब्लॉक प्रमुख निर्वाचन प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी भी दशा में माहौल खराब करने की एक भी कोशिश स्वीकार नहीं की जाएगी.
अपराधियों को संरक्षण देने के बजाय भेजा जाता है जेल
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि पिछले सवा चार साल में प्रदेश में जितने भी चुनाव हुए हैं, वह पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ हुए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि लोगों ने समाजवादी पार्टी की सरकार में गुंडई की चरम सीमा को देखा है. सत्ता से दूर जाने के बाद भी आज भी सपा नेता अपने हरकतों से बाज में नहीं आ रहे. सपा मुखिया को यह समझना चाहिए कि यह भाजपा सरकार है, जिसमें अराजकता, गुंडई और अपराधियों को संरक्षण देने के बजाय जेल की सलाखों में भेज दिया जाता है.